रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवरात्रि के पहले दिन बस्तर विकासखण्ड मुख्यालय के पुजारीपारा में स्थित गंगादई माता के मंदिर पहुंचे। उन्होंने यहां माता गंगादई की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप, विधायक चित्रकोट राजमन बेंज़ाम, विधायक दंतेवाडा देवती कर्मा, ऊर्जा विकास बोर्ड के अध्यक्ष मिथलेश स्वर्णकार, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एमआर निषाद, जगदलपुर महापौर सफीरा साहू, कमिश्नर श्याम धावड़े, पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी, मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद, कलेक्टर रजत बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र मीणा, सहित जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
बस्तर रियासत की पूर्व राजधानी बस्तर में माता की प्रतिमा की उत्पत्ति बांस के जड़ को एक ग्रामीण द्वारा उसके कंद को निकालते समय अपने आप जमीन से हुई है। जिसे गंगादई माता का नाम दिया गया। यह दन्तेश्वरी माता की ही बहन है। बाद में भव्य मंदिर का रूप दिया गया। राजा प्रवीरचंद भंजदेव भी यहां पूजा करने आया करते थे। यह राजा महाराजा के जमाने का मंदिर है, यह मंदिर बस्तर के 112 गांवों के लोगों के देवी आस्था का केन्द्र है। प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा को मेला भरता है जिसमें सभी 112 गांवों के देवी देवता माता से भेंट करने आते है। इसी मंदिर परिसर में एक प्राकृतिक जल कुंड भी स्थित है। इस कुंड का जल कभी सूखता नहीं है। इसके जल से कई प्रकार की चर्म रोग, बीमारी ठीक हो जाती है। प्राचीन समय से कुंड के जल से ही माता का स्नान किया जाता है।
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