रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज भक्त माता कर्मा जयंती की पूर्व संध्या पर राजधानी रायपुर के कृष्णा नगर स्थित कर्मा धाम में आयोजित जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि संगठन एवं समर्पण में ही शक्ति है। उन्होंने भक्त माता कर्मा के रास्ते पर चलकर सामाजिक संगठन को और अधिक मजबूत बनाने, समाज को जोड़ने और सामाजिक विषमता को दूर करने के लिए कार्य करने का आव्हान कार्यक्रम में किया। मुख्यमंत्री ने इसके पहले कर्मा धाम में भक्त माता कर्मा मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने माता कर्मा धाम में बनने वाले ऑडिटोरियम का भूमि पूजन और शिलान्यास किया और परिसर में रुद्राक्ष का पौधा भी रोपा।
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, लोकसभा सांसद सुनील सोनी, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू, तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष संदीप साहू, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ के अध्यक्ष विपिन साहू, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की उपाध्यक्ष चित्ररेखा साहू, जिला साहू समाज के अध्यक्ष मेघराज साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि, साहू समाज के पदाधिकारी और सदस्य इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कर्मा धाम में भक्त माता कर्मा की 1005 वीं जयंती के अवसर पर 21 से 28 मार्च तक जयंती समारोह का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम के दौरान साहू समाज और ग्रीन आर्मी द्वारा गोबर के गमले में रूद्राक्ष का पौधा भेंटकर मुख्यमंत्री का सम्मान किया गया।
मुख्यमंत्री बघेल ने समारोह को सम्बोधित करते हुए सभी लोगों को भक्त माता कर्मा जयंती की बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने माता कर्मा के संदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि हमारे मन में अटूट विश्वास, श्रद्धा और समर्पण है, तो कोई भी ऐसा लक्ष्य नहीं है, जिसे हासिल ना किया जा सके। माता कर्मा ने यह साबित किया कि भक्त की श्रद्धा में यह शक्ति है कि भगवान को भी प्रकट होने पर विवश कर दे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कर्मा जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है, लेकिन इसके बाद कोरोना संकट के कारण भक्त माता कर्मा जयंती के समारोहों का आयोजन विगत दो वर्ष नहीं किया जा सका। अब स्थिति सामान्य होने पर फिर से सार्वजनिक और धार्मिक आयोजन शुरू हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ भक्त माता कर्मा जयंती का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि हालांकि इस समारोह का आयोजन साहू समाज द्वारा किया जाता है, लेकिन गांव के सभी समाज के लोग इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। छत्तीसगढ़ में जयंती समारोह के दौरान गांवों में कलश यात्रा और शोभा यात्रा निकालने की भी परंपरा है।
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