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पटना (संजय वर्मा)। बिहार की सियासत में मचे उथल-पुथल को हम अलग अंदाज समझाएंगे। सबसे पहले इस वाक्य को समझिए। ‘हम स्कूल में पढ़ते थे तो देखते थे कि पिताजी खुद दवा बनाकर लोगों का इलाज कर रहे हैं। वह खुद चूर्ण को पुड़िया में बांधकर लोगों को दवा देते थे। जब मैं पढ़कर शाम में स्कूल से लौटता था तो मैं भी पुड़िया बनाता था। बचपन से ही हम अच्छा पुड़िया बनाते हैं जो फेंकने पर भी नहीं खुलेगा। यह वाक्य मेरा नहीं हैं।‘ यह वाक्य है बिहार के राजनीतिक डॉन यानी नीतीश कुमार का। यह बात नीतीश ने 17 मार्च 2018 को पटना के ज्ञान भवन में आयुर्वेदिक डॉक्टरों के एक कार्यक्रम में कहा था। बिहार की राजनीति में मची उथल-पुथल के बीच मुझे यह बात इसलिए बतानी पड़ी कि ‘ऑपरेशन चिराग’ के बाद नीतीश की नजर अब राजद-कांग्रेस की ओर है। खुद को सेफ रखने के लिए नीतीश राजद-कांग्रेस की भी ‘पुड़िया’ बनाएंगे।
रिपोर्ट है कि दो दिन पहले तक उछल रहे मांझी और सहनी 'चिराग कांड' से सहम जरूर गए होंगे। लालू यादव से फोन हुई बात को बड़े ही रहस्यमय तरीके से मीडिया में पेश कर रहे थे। जीतन राम मांझी राजनीति की 'गूढ़' बातें समझा रहे थे तो सहनी वादा याद दिलाने की हिदायतें दे रहे थे। नीति आयोग को डेवेलपमेंट के अलावा 'पॉलिटिकल इंडेक्स' भी तैयार करना चाहिए। यकीन मानिए उसमें बिहार बिल्कुल टॉप पर रहेगा। बिहार की राजनीति इतनी महीन है कि अगर नहीं पकड़ पाए तो रेत की तरह हाथ से फिसल जाएगी। चिराग पासवान के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। रेट्रो कल्चर में पले-बढ़े चिराग बिहारी पॉलिटिक्स को समझ ही नहीं पाए। दिल्ली से एक हजार किलोमीटर दूर बैठे दो पार्टियों के सुप्रीमो जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी पलपल का अपडेट लेते रहे। एक दिन पहले तक नीतीश सरकार को कर्म और धर्म याद दिला रहे थे। 'चिराग कांड' के बाद मौन साध गए।
कम संसाधन से काम चलाने में माहिर नीतीश कुमार जब एक 'तीर' चलाते हैं तो उससे कई निशाने सधते हैं। जेडीयू से जुड़े लोग सीधे-सीधे तो नहीं कह रहे हैं कि उनका 'चिराग कांड' में कोई हाथ है। ना ही पशुपति पारस ने इस बात को सार्वजनिक तौर पर माना। मगर इस पूरे सियासी हलचल से अगर सबसे ज्यादा कोई खुश होगा तो वो है जेडीयू का खेमा। बिहार की सियासत में 'चिराग कांड' कई लोगों को मैसेज भी दे गया। इधर, बीजेपी के पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि लोजपा तो झांकी है कांग्रेस और आरजेडी बाकी है। प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि आरजेडी और कांग्रेस के तीन दर्जन से अधिक विधायक पाला बदलने के लिए मौके की तलाश कर रहे हैं। मतलब ये कि भाजपा और जदयू ने ऑपरेशन राजद-कांग्रेस भी शुरू कर दिया है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि नीतीश कुमार पुड़िया बनाने में कितने माहिर हैं।
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