नई दिल्ली। दशकों पुराने अयोध्या विवाद मामले में देश की सर्वोच्च अदालत ने 9 नवंबर को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने 1045 पन्नों के अपने फैसले में रामलला को राम जन्मभूमि सौंपी और मंदिर बनाने का रास्ता साफ कर दिया। इसी के साथ अयोध्या में ही मस्जिद बनाने का इंतजाम भी कर दिया। अगस्त 2019 को अदालत ने इस मुद्दे की दैनिक सुनवाई सुनिश्चित की और 16 अक्तूबर तक 40 दिन की मैराथन सुनवाई के बाद अपना अंतिम फैसला नवंबर में सुनाने की तारीख दी थी। इस दौरान शीर्ष कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनी। सुप्रीम कोर्ट के लंबे फैसले में कुछ ऐसे तर्क रहे, जिनके आधार पर अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हुआ।
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