नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों के विरोध प्रदर्शन के कारण सोमवार को मध्य दिल्ली में भारी यातायात जाम की स्थिति पैदा हो गई है। प्रदर्शनकारी छात्रों को संसद की तरफ बढ़ने से रोक दिया गया, जिस कारण पुलिस के साथ उनकी नोकझोंक भी हुई। प्रशासन ने संसद भवन के पास स्थित तीन मेट्रो स्टेशनों के गेट बंद कर दिए, ताकि छात्रों को संसद पहुंचने से रोका जा सके। पुलिस ने इसके पहले संसद भवन की तरफ जुलूस के रूप में बढ़ रहे छात्रों को रोकने के लिए सफदरजंग मकबरे के पास बैरिकेड्स लगा दिए। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हुआ है। छात्र छात्रावास शुल्क वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वे अपने विरोध प्रदर्शन को जारी रखने के लिए सफदरजंग मकबरे के पास जमा हुए। उन्होंने शुल्क वृद्धि वापस लेने की मांग करते हुए नारेबाजी की।
दिल्ली मेट्रो ने एक बयान में कहा कि उद्योग विहार और पटेल चौक स्टेशनों पर ट्रेन पकड़ने या उतरने की व्यवस्था नहीं है। जबकि उद्योग भवन, पटेल चौक और केंद्रीय सचिवालय स्टेशनों के गेट अस्थायी तौर पर बंद कर दिए गए हैं। छात्रों के इस विरोध प्रदर्शन के कारण सफदरजंग अस्पताल, अरविंदो मार्ग, एम्स और सफदरजंग मकबरे के पास के इलाकों में भारी जाम की स्थिति पैदा हो गई है। इसके पहले हाथों में पोस्टर लिए और शुल्क में छह गुना बढ़ोतरी के खिलाफ नारे लगाते हुए सैकड़ों की संख्या में छात्र दिल्ली की सड़कों पर उतर गए। छात्रों ने धारा 144 तोड़ दी और संसद की ओर बढ़ना जारी रखा। पुलिस ने रास्ते में बैरिकेड्स लगाए, जिसे छात्र लांघने लगे। इसके बाद पुलिस के साथ उनकी धक्का-मुक्की हुई। एक छात्र ने कहा कि छात्र बैरिकेड्स हटाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि भारी पुलिस और सीआरपीएफ जवानों की तैनाती के कारण शायद वे संसद न पहुंच पाएं।ह्व यह विरोध जुलूस छात्रावास शुल्क वृद्धि के खिलाफ है। शिक्षा सचिव ने छात्रों की चिंताओं को दूर करने के लिए शुल्क वृद्धि को आंशिक तौर पर वापस ले लिया है, और छात्रों से बातचीत के लिए सोमवार को एक समिति की घोषणा की। लेकिन छात्र इससे संतुष्ट नहीं हैं और वे पूरी तरह शुल्क वृद्धि वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
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