भुवनेश्वर। उत्तर भारत में मनाया जानेवाला चार दिवसीय छठ महापर्व:2019 के पहले दिन भुवनेश्वर में 31अक्तूबर को छठव्रतधारियों ने पहले दिवस पर नहाय-खाय किया। पहली नवंबर को खरना प्रसाद तैयारकर अपने परिवारजनों के साथ अपने हित-मित्रों,सगे-संबंधियों और आत्मीय लोगों को सायंकाल प्रसादसेवन कराया। पिछले लगभग तीन दशकों से भुवनेश्वर में छठ पूजा करनेवाली श्रीमती मोतीकांती देवी सिंह,श्रीमती रींकु देवी सिंह और श्रीमती मुनी देवी सिंह ने छठ के लिए अपने घर में छठ परमेश्वरी के लिए तैयार चैके में खरना का प्रसाद अरवा चावल और मीठे दूध से तैयार , गेहू की रोटी और उसके ऊपर शुद्ध घी लगाकर सबसे पहले छठपरमेश्वरी को निवेदित किया । स्वयं ग्रहण किया तथा अपने परिवार के लोगों समेत अपने सगे-संबंधियों और बंधु-बाधओं को आदर और श्रद्धा सहित खिलाया। वहीं भारतीय वन सेवा विभाग के ओडिशा कैडर के शीर्ष अधिकारी डा ए के पाठक के सरकारी निवास: 5आर फ्लेट 1/1 पर भी छठव्रतधारी श्रीमती पुष्पा पाठक तथा श्रीमती नीलु झा ने छठ का खरना प्रसाद तैयारकर और छठ परमेश्वरी को चढ़ाकर अपने जान-पहचानवालों को सेवन कराया। इसी प्रकार ओल्ड टाऊन, चिंतामणिश्वर, वीएसएसनगर, गजपतिनगर, पटिया, नयापली, यूनिट-4 और श्रीराम विहार एपार्टमेंट आदि में भी छठ महापर्व के दूसरे दिवस खरना प्रसाद तैयारकर स्वयं ग्रहण किया तथा उसे पूरी श्रद्धा के साथ अपने स्वजनों और परिजनों को खिलाया। गौरतलब है कि चार दिवसीय छठ महापर्व का तीसरा दिवस अर्थात 02 नवंबर का भगवान सूर्यदेव को सायंकालीन पहला अर्घ्यदान तथा चौथे दिवस 03 नवंबर को भोर में भगवान सूर्यदेव को अंतिम भोर का अर्घ्य दिया जाएगा जिसके लिए भव्य आयोजन सामूहिक छठ पूजा आयोजन समिति भुवनेश्वर द्वारा कुआखाई नदी तट नहरकंटा रोड,कटक-भुवनेश्वर राजमार्ग सं.5 हंसपाल के समीप छठ घाट पर किया गया है। सभी छठव्रतधारियों से आयोजन पक्ष का सादर अनुरोध है कि वे दो नवंबर शाम में 4.30 बजे तथा तीन नवंबर को भोर में 5.00 बजे छठघाट पर समय से पधारें। भगवान सूर्यदेव को अर्घ्यदान करें तथा छठपरमेश्वरी का तीन नवंबर को भोर में ठेकुआ प्रसाद अवश्य ग्रहण करें जो हरप्रकार की मनोकामना के लिए फलदायी प्रसाद होता है। गौरतलब है कि पिछले तीन दशकों से ओडिशा के अनेक शहरों में तथा भारत के सभी महानगरों में चार दिवसीय छठ महापर्व काफी उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। प्रस्तुति : अशोक पाण्डेय
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