मुंबई। हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में आंतरिक कलह चरम पर दिख रही है। हरियाणा से लेकर महाराष्ट्र तक पार्टी में टिकट वितरण को लेकर असंतोष के स्वर हैं। हरियाणा में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने इलेक्शन कैंपेन से जुड़ी सभी समितियों से इस्तीफा दे दिया है। ट्विटर पर जारी पत्र में तंवर ने लिखा कि टिकट बंटवारे और उनकी राय की अनदेखी के चलते वह ऐसा कर रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र में मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने तो पार्टी छोड़ने तक की धमकी दे दी है।
मुखरता के साथ कांग्रेस का पक्ष रखने वाले संजय निरुपम ने टिकट बंटवारे पर अपनी नाराजगी खुले तौर पर जताई है। निरुपम ने एक के बाद एक दो ट्वीट कर कहा कि शायद पार्टी को अब उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं रह गई है। बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की ओर से नेता विपक्ष रहे राधाकृष्ण विखे पाटिल समेत कई दिग्गज नेता पार्टी छोड़ भगवा कैंप में शामिल हो चुके हैं। संजय निरुपम ने टिकट वितरण में अपनी अनदेखी पर गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा, 'ऐसा लगता है कि पार्टी को अब मेरी सेवाओं की जरूरत नहीं है। मुंबई में मैंने विधानसभा चुनाव के लिए सिर्फ नाम की सिफारिश की थी। मुझे पता चला है कि उसे भी खारिज कर दिया गया। मैंने नेतृत्व को पहले ही बताया था कि ऐसी स्थिति में मैं चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लूंगा। यह मेरा आखिरी फैसला है।' यही नहीं संजय निरुपम ने एक और ट्वीट में लिखा, 'मुझे उम्मीद है कि पार्टी को गुड बाय कहने का वक्त नहीं आएगा। लेकिन, लीडरशिप जिस तरह से मेरे साथ बर्ताव कर रही है, उससे लगता है कि अब वह दिन दूर नहीं है।'
इससे पहले बुधवार को भी हरियाणा में टिकट बंटवारे को लेकर सूबे के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने समर्थकों के साथ दिल्ली में प्रदर्शन किया था। तंवर का आरोप है कि कांग्रेस ने पुराने लोगों को नजरअंदाज करके नए शामिल होने वाले लोगों को टिकट दिया जा रहा है। इसके अलावा उन्होंने 5 करोड़ रुपये टिकट बेचने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पांच साल तक हमें कांग्रेस को खून-पसीना बहाया। हरियाणा का नेतृत्व खत्म हो चुका है। हम पार्टी के लिए समर्पित रहे लेकिन टिकट उन्हें दिया जा रहा है जो पहले कांग्रेस की आलोचना करते थे और हाल ही में पार्टी में शामिल हो गए। हरियाणा कांग्रेस के पूर्व चीफ अशोक तंवर ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि टिकट बंटवारे में जमीनी कार्यकतार्ओं की अनदेखी की गई है। उन्होंने कहा कि हमने पार्टी का वोट शेयर 5-6% तक बढ़ाया इसके बावजूद लोग हमारे नेतृत्व पर सवाल उठाते हैं।
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