जम्मू। नेशनल कान्फ्रेंस (एनसी) के 15 नेताओं का का शिष्टमंडल रविवार को पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से मिलने के लिए उनके घर पहुंचा। आपको बता दें कि शनिवार को जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन ने पार्टी के नेताओं से मिलने की इजाजत दी थी। अनुच्छेद 37० हटाए जाने के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री पिता-पुत्र नजरबंद हैं। एनसी नेताओं के 15 सदस्यीय शिष्टमंडल जम्मू प्रांतीय अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में नजरबंद पिता-पुत्र से मुलाकाता की। 81 वर्षीय फारूक अब्दुल्ला श्रीनगर स्थित अपने आवास पर नजरबंद हैं, जबकि उमर अब्दुल्ला को स्टेट गेस्ट हाउस में हिरासत में रखा गया है। पार्टी प्रवक्ता मदन मंटू ने बताया था कि कहा था कि शिष्टमंडल राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिला था और उनसे पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेताओं से मिलने की अनुमति मांगी थी, राज्यपाल ने अनुमति दे दी।
डेमोक्रेट एलिजाबेथ वारेन ने कश्मीर को लेकर चिंता प्रकट की अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेट पार्टी की उम्मीदवार एलिजाबेथ वारेन ने शनिवार को कश्मीर में पाबंदियों एवं संचार प्रतिबंधों को लेकर चिंता प्रकट की और भारत से कश्मीर के लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान करने की अपील की। भारत सरकार द्वारा पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने की घोषणा के बाद कश्मीर में पाबंदियां लगा दी गयी थीं। अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था। वारेन (70) ने ट्वीट किया कि अमेरिका-भारत साझेदारी की जड़ें सदैव हमारे साझे लोकतांत्रिक मूल्यों में समाहित रही हैं। मैं कश्मीर में निरंतर संचार पाबंदियों और अन्य पाबंदियों समेत हाल के घटनाक्रम को लेकर चिंतित हूं। लोगों के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए। मैसाचुसेट्स की सीनेटर कश्मीर पर चिंता प्रकट करने वाली दूसरी प्रभावशाली अमेरिकी नेता हैं। इससे एक महीने पहले डेमोक्रेट बर्नी सैंडर्स ने ऐसी ही चिंता व्यक्त की थी।
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