कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को यह साफ कर दिया कि विदेशियों की पहचान के लिए स्क्रीनिंग के बाद जिन लोगों को सिटिजन चार्टर रजिस्टर से बाहर रखा जाएगा, उन विदेशियों के लिए उनकी सरकार राज्य में डिटेंशन सेंटर नहीं बनने देगी। उत्तरी बंगाल के सिलीगुड़ी में प्रशासनिक समीक्षा बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि डिटेंशन कैम्प का कोई सवाल ही नहीं है। उन्हें यह काम राज्य सरकार के जरिए करना है, लेकिन हम ऐसा नहीं करने जा रहे हैं। इस बार से आप निश्चिंत रहें। बंगाल में कोई डिटेंशन कैंप नहीं होगा।
उनका यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब इससे पहले सीपीआई (एम) के राज्य ईकाई के सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने रविवार को पार्टी समर्थकों के बीच यह धमकी देते हुए कहा था कि केन्द्र अगर राज्य में डिटेंशन कैम्प बनाने की कोशिश करेगी तो वे उसे ढहाने में सबसे आगे रहेंगे। 24 जुलाई को केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में जवाब देते हुए कहा था- देश में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों की आवाजाही रोकने या फिर जो लोग जो डिपोर्टेशन का इंतजार कर रहे हैं, उनके लिए कई राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में डिटेंशन सेंटर के लिए सरकार ने मॉडल डिटेंशन सेंटर मैन्युएल बनाकर उसे सभी राज्य और केन्द्र प्रशासित राज्यों को 9 जनवरी 2019 को भेज दिया है।
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