लखनऊ। हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश सूरत में ही रची गई थी। इस साजिश में छह लोग शामिल थे। इनमें मौलाना मोहसिन शेख, फैजान और रशीद अहमद पठान को गिरफ्तार कर लिया गया है। फैजान ने ही सूरत में मिठाई खरीदी थी। इस मिठाई के डिब्बे से ही लखनऊ पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले थे। लखनऊ के खुर्शेदबाग में कमलेश तिवारी की हत्या करने वाले दो शूटरों की पहचान नहीं हो सकी है पर उनके सम्बन्ध में कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने शनिवार सुबह इस हत्याकाण्ड का खुलासा करते हुए दावा किया कि यह हत्या कमलेश के वर्ष 2015 में दिये गए भड़काऊ बयान और प्रखर हिन्दूवादी सोच की वजह से की गई है। कई अन्य बिन्दुओं पर अभी पड़ताल की जा रही है।
लखनऊ पुलिस को सीसी फुटेज से कई सुराग मिल गए थे। इसमें ही हत्यारों का चेहरा साफ दिखा था। वे भगवा वेश में आये थे। उन लोगों के साथ एक फुटेज में महिला भी दिखी थी। महिला का पता चल गया है। उसका नाम शहनाज बानो है। वह मड़ियांव की रहने वाली है। उसका कहना है कि दोनों ने उससे कालोनी का रास्ता पूछा था। डीजीपी ने बताया कि गिरफ्तार तीनों आरोपी सूरत के रहने वाले हैं। इनकी उम्र 21 से 25 वर्ष के बीच है। इनमें मोहसिन शेख (24) साड़ी की दुकान पर काम करता है, फैजान (21) जूते की दुकान पर काम करता है। रशीद (25) दर्जी का काम करता है और कम्प्यूटर का अच्छा जानकार है। डीजीपी ने बताया कि इन तीनों ने हत्या की साजिश रची थी। डीजीपी ने दावा किया कि इन आरोपियों का अभी तक किसी आतंकी संगठन से सम्पर्क नहीं मिला है। ये लोग भड़काऊ बयान से ही नाराज थे। मुख्य रूप से राशिद ने ही साजिश रची थी। मौलाना मोहसिन शेख ने राशिद को कमलेश तिवारी का भड़काऊ बयान वाला वीडियो दिखाया था। इसके बाद ही मौलाना ने कहा था कि इसकी हत्या करनी है।
डीजीपी के मुताबिक जिन दो लोगों को हिरासत में लेकर छोड़ा गया है, उनमें एक आरोपी का भाई गौरव तिवारी है। वह सूरत में ही रहता है। वह पिछले कुछ समय से कमलेश तिवारी के सम्पर्क में था और उसने ही हिन्दू समाज के लिए सूरत में काम करने को लेकर फोन किया था। उसने कहा था कि वह उसे अपनी पार्टी में शामिल कर ले और सूरत में उसे कोई पद दे दे। डीजीपी ने इस बात की पुष्टि की कि कमलेश की पत्नी किरन ने बिजनौर के जिन दो लोगों मौलाना अनवारुल हक और मो. मुफ्ती नईम काजमी पर आरोप लगाया गया था, उन्हें भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इन आरोपियों ने कमलेश की हत्या करने वालों को डेढ़ करोड़ रुपये इनाम देने की बात कही थी। सीतापुर के महमूदाबाद में कमलेश तिवारी का शव शनिवार तड़के साढ़े तीन बजे पहुंचा था। शव पहुंचने से पहले ही इलाके में भारी फोर्स तैनात कर दी गई थी। परिवारीजनों ने प्रशासन को यह कहकर हैरत में डाल दिया कि मुख्यमंत्री के आने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जायेगा। परिवारीजनों की जिद को देखते हुए कमिश्नर मुकेश मेश्राम और आईजी एसके भगत महमूदाबाद के कोठावां गांव पहुंचे। कमिश्नर ने उचित मुआवजा, एक परिवारीजन को नौकरी देने और रविवार को मुख्यमंत्री से मिलवाने का आश्वासन दिया तब जाकर परिवारीजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए। 12 घंटे से अधिक समय तक मान-मनौवल के बाद पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में कमलेश तिवारी का अंतिम संस्कार किया गया।
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