नई दिल्ली। हरियाणा के घाघ राजनेता जिस जननायक जनता पार्टी (जजपा) को बच्चा पार्टी कहते थे, उसने चंद महीनों में खुद को खड़ा कर अपने तेवर दिखा दिए। विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला किंगमेकर बनकर उभरे हैं। उनकी चाबी निशान वाली पार्टी के पास सत्ता की चाबी है। पिछले साल दिसंबर में उन्होंने जजपा के नाम से अपनी नई पार्टी बनाई थी। हरियाणा के कद्दावर सियासी परिवार के वारिस दुष्यंत को सियासत विरासत में मिली है। उनके परदादा और पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल ह्यताऊह्ण के नाम से चर्चित थे। दुष्यंत देवीलाल की विरासत के वारिस बनते नजर आ रहे हैं।
दुष्यंत हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते हैं। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से निष्कासित होने के बाद उन्होंने 9 दिसंबर, 2018 को जजपा का गठन किया था। महज 11 महीने में दुष्यंत ने अपनी पार्टी को न सिर्फ खड़ा किया,बल्कि लोगों में अपनी पैठ भी बनाई। जनता के बीच अच्छी और सौम्य नेता की छवि और युवाओं में लोकप्रियता की वजह से उन्होंने जजपा को इस मुकाम पर ला दिया। जजपा जींद विधानसभा उपचुनाव में उतरी। उसे आम आदमी पार्टी का समर्थन मिला। विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले हुए इस चुनाव में पहली बार भाजपा ने जींद की धरती पर कमल खिलाकर इतिहास रचा लेकिन, जजपा दूसरे नंबर पर रह कर सबको चौका दिया। तभी से हरियाणा में जेजेपी की चर्चा तेज होती गई।
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