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कीस : ए ट्रू रिफ्लेक्शन आफ गांधीयन फिलोसॉफी विषयक संगोष्ठी आयोजित


कार्यक्रम में एमडीएच मसाले के चेयरमैन महाशय धर्मपाल गुलाटी को कीस डीम्ड विश्वविद्यालय की ओर से प्रदान किया गया लाईफटाईम एचिवमेंट अवॉर्ड- 2019 

भुवनेश्वर। रवीन्द्र मण्डप में विश्व के सबसे बड़े आदिवासी आवासीय विद्यालय कलिंग इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंसेज (कीस) के कुल 27 हजार से भी अधिक आदिवासी बच्चों की ओर से गांधीजी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में कीस : ए ट्रू रिफ्लेक्शन आफ गांधीयन फिलोसॉफी विषयक संगोष्ठी सह सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें बच्चों ने गांधीजी के जीवन और उनके योगदानों पर अपने-अपने सरगर्भित वक्तव्य प्रस्तुत किये। रामधुन से लेकर अनेक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। संगोष्ठी को ओडिशा सरकार के मंत्री रघुनन्दन दास, कांग्रेसी विधायक सुरेश कुमार राउर राय, कीट-कीस के संस्थापक और लोकसभा सांसद प्रो अच्युत सामंत, कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो हरेकृष्ण सतपथी, प्रो सान्तनु आचार्य, स्वतंत्रता सेनानी भवानी चरण पटनायक, शाश्वती बल (अध्यक्ष कीट-कीस), दास बेनहुर, दिलीप श्रीचन्दन, असित महंती, डा बिमलेन्दु महंती, आचार्य भावानन्द और उमापद बोस आदि ने संबोधित किया। सभी ने अपने-अपने वक्तव्यों के माध्यम से यह सिद्ध किया कि सचमुच गांधीजी के सपनों को सही मायने में कीट-कीस के संस्थापक प्रो अच्युत सामंत अपनी सादगी, सरलता, गांधीवादी विचारधारा और कीस की स्थापना कर यथार्थ रुप में पिछले लगभग 27 वर्षों से साकार कर रहे हैं। उनके द्वारा स्थापित कीस गांधीवादी विचारधारा का वास्तविक यथार्थ बन चुका है। वक्ताओं के अनुसार प्रो अच्युत सामंत सचमुच में आदिवासी शिक्षा और उनके कल्याण में समर्पित व्यक्तित्व बन चुके हैं। आज उनका त्यागी और विदेह जीवन भी गांधीजी की तरह ही यथार्थ, आदर्श और अनुकरणीय है। कीस की एक नन्हीं आदिवासी बालिका ने अवसर पर प्रो अच्युत सामंत के जीवन-परिचय को जिस प्रकार अपने वक्तव्य के द्वारा प्रस्तुत किया उसे सुनकर ऐसा लगा कि कीस में आदिवासी बच्चों को दी जानेवाली तालीम बच्चों के सर्वांगीण विकास में पूरी तरह से सहायक सिद्ध हो रही है। गौरतलब है कि गांधी जयंती महोत्सव पालन का यह पहला चरण रहा जबकि कीट-कीस की ओर से 02 अक्तूबर से लेकर 06 अक्तूबर तक कीट-कीस में प्रो अच्युत सामंत के चेयरमैनशिप में 39वां विश्व कवि कांग्रेस: 2019 का भारत में पहली बार विराट आयोजन हो रहा है जिसमें विश्व के कुल 82 देशों के विभिन्न भाषाओं के कविगण अपनी-अपनी कविताएं अलग-अलग भाषाओं में प्रस्तुत करेंगे। साथ ही अनेक भारतीय भाषाओं के भी कवि अपनी-अपनी कविताओं को प्रस्तुत करेंगे। आयोजन भुवनेश्वर कीट-कीस के साथ-साथ कोणार्क और पुरी धाम में होगा जिससे जुड़ी सभी तैयारियां कीट-कीस की ओर से पूरी कर ली गई हैं। आज के आयोजित संगोष्ठी के अवसर पर कीस डीम्ड विश्वविद्यालय की ओर से मसाला किंग एमडीएच मसाला लिमिटेड के चेयरमैन महाशय धर्मपाल गुलाटी को उनकी प्रशंसनीय सेवाओं के लिए लाईफटाईम एचिवमेंट अवार्ड : 2019 प्रदानकर उनको सम्मानित किया गया। प्रस्तुति : अशोक पाण्डेय
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