भुवनेश्वर। 02 से 14सितंबर तक कीट डीम्ड विश्वविद्यालय में हिन्दी सोसाइटी ख्वाहिशें की ओर से हिन्दी पखवाड़ा 2019 आयोजित किया गया। इसमें पहली बार कीट डीम्ड विश्वविद्यालय के युवाओं के साथ-साथ अनेक स्थानीय उच्च विद्यालयों और कीट इण्टरनेशनल स्कूल के बच्चों ने भी हिन्दी भाषा-कौशल विकास पर आधारित वाद-विवाद, काव्य पाठ, पेंटिग और निबंध आदि प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया जिनमें से अव्वल आनेवाले विजेताओं को समापन दिवस 14 सितंबर के दिन पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम की संयोजिक कीट विश्वविद्यालय की प्रो काजल परासर ने हिन्दी पखवाड़ा 2019 समापन दिवस के अवसर पर 14 सितंबर को सायंकाल समारोह के मुख्य अतिथि डा शंकरलाल पुरोहित और सम्मानित अतिथि हिन्दीसेवी अशोक पाण्डेय को पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र आदि भेंटकर सम्मानित किया। अपने संबोधन में डा शंकरलाल पुरोहित ने कहा कि आज ओडिशा का एकमात्र कीट डीम्ड विश्वविद्यालय ही है जहां पर पिछले लगभग 15 वर्षों से हिन्दी दिवस, हिन्दी सप्ताह और अब हिन्दी पखवाड़ा मनाया जा रहा है और वह भी बड़े ही प्रभावकारी ढंग से। उनके अनुसार यह एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने विश्वविद्यालय के बच्चों को हिन्दी प्रयोग और हिन्दी साहित्य में सृजनशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए स्व में आत्मविश्वास जगाने का संदेश दिया। हिन्दीसेवी अशोक पाण्डेय ने बताया कि कीट-कीस के संस्थापक और लोकसभा सांसद प्रो अच्युत सामंत एक अहिन्दी भाषी व्यक्तित्व हैं जो सदैव हिन्दी बोलते हैं। ओडिया के साथ-साथ हिन्दी को बढ़ावा देते हैं। उनके निर्देशानुसार प्रतिवर्ष कीट में हिन्दी कार्यशालाएं नियमित रुप से आयोजित होती हैं। उन्होंने बताया कि हिन्दी आपसी प्रेम और आत्मीयता की भाषा है जिसका उत्तरोतर प्रयोग कीट में देखने को मिलता है। इसके लिए यहां की हिन्दी सोसाइटी ख्वाहिशें और उसकी संयोजिका प्रो काजल परासर और कीट के डिपुटी डायरेक्टर स्टूडेंट सर्विसेज डा श्याम सुंदर बेरुआ आदि बधाई के वास्तविक हकदार हैं। श्री पाण्डेय ने यह भी बताया कि एक अहिन्दी भाषी सांसद होने के बावजूद भी प्रो अच्युत सामंत भारतीय संसद के लोकसभा में हिन्दी में ही बोलते हैं। यह कीट के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा है। उन्होंने युवाओं को प्रो सामंत की ओर से हिन्दी दिवस की शुभ कामनाएं और हिन्दी पखवाड़े के सफल आयोजन पर बधाई दी जो अपनी कार्य व्यस्ततावश समारोह में नहीं आ पाये थे। अवसर पर आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया और अंत में आभार प्रदर्शन प्रो काजल परासर ने किया।
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