जबलपुर। धर्म के नाम पर जोमैटो से आॅर्डर कैंसल करने वाले युवक के खिलाफ अब मध्यप्रदेश पुलिस ने एक्शन लिया है। जबलपुर के रहने वाले युवक अमित शुक्ला को पुलिस ने एक नोटिस भेजा है। पुलिस ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि वह दोबारा ऐसे ट्वीट न करें। छह महीने में दोबारा ऐसा हुआ तो जेल की सजा हो सकती है। बता दें कि आॅनलाइन फूड डिलिवरी एप जोमैटो से खाना आॅर्डर करने के बाद, डिलिवरी ब्वाय के गैर हिंदू होने की वजह से अमित शुक्ला नामक युवक के आॅर्डर कैंसिल कर दिया था। इस वाकये को उसने जब ट्विटर पर शेयर किया तो जमकर विवाद हुआ। युवक की आलोचना तो हुई ही जोमैटो ने खुद ट्वीट कर कहा कि 'भोजन का धर्म नहीं होता, भोजन खुद एक धर्म है।'
जबलपुर के एसपी अमित सिंह ने इस बारे में कहा, 'हमने एक नोटिस जारी किया है, इसे अमित शुक्ला को दिया जाएगा। उसे चेतावनी दी जाएगी, अगर वह ऐसा कुछ भी ट्वीट करता है जो संविधान के खिलाफ है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वह सर्विलांस पर है, उस पर नजर रखी जा रही है।' दरअसल, मंगलवार रात मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले अमित शुक्ला नामक एक व्यक्ति ने जोमैटो को ट्वीट कर डिलीवरी ब्वाय बदलने की शिकायत की थी। शुक्ला ने लिखा, जोमैटो से अभी आॅर्डर कैंसल किया क्योंकि वे एक गैर हिंदू राइडर को बदल नहीं सकते और पैसा भी रिफंड नहीं करेंगे। मैंने कहा कि आप मुझे खाना लेने पर मजबूर नहीं कर सकते। मैं रिफंड नहीं चाहता हूं, बस मेरा आॅर्डर कैंसल कर दें।ह्ण शुक्ला ने ट्वीट के साथ जोमैटो कस्टमर केयर के साथ बातचीत का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया। शुक्ला ने दूसरा ट्वीट किया, ह्यजमैटो मुझ पर उन लोगों से खाना लेने का दबाव बनाती है, जिनसे नहीं लेना चाहते। फिर वह न रिफंड करती है और न सहयोग। इसलिए मैं यह एप हटा रहा हूं। इस मुद्दे पर वकीलों से बात करूंगा।ह्ण हालांकि कंपनी अपने रुख पर कायम रही और राइडर बदलने से इनकार कर दिया। जोमैटो ने खाना पहुंचाने वाले लड़के के धर्म को लेकर ग्राहक की शिकायत सुनने से इनकार कर दिया। कंपनी ने ग्राहक को जवाब दिया, खाने का कोई धर्म नहीं होता, खाना खुद में एक धर्म है। अगर ऐसे ग्राहक हमें छोड़कर जाते हैं तो जा सकते हैं। कंपनी के इस कदम को सोशल मीडिया पर काफी समर्थन मिल रहा है।
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