ताज़ा ख़बर

उन्नाव कांड: सुप्रीम कोर्ट ने दिया सात दिन में जांच पूरी करने का आदेश, पीड़िता को सीआरपीएफ सुरक्षा

नई दिल्ली। उन्नाव दुष्कर्म और सड़क हादसे मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने सीबीआई को सड़क हादसे की जांच सात दिन के भीतर करने का आदेश दिया है। हालांकि अदालत ने कहा है कि असाधारण परिस्थितियों में जांच एजेंसी और समय की मांग कर सकती है। साथ ही अदालत ने दुष्कर्म मामले की जांच 45 दिन के भीतर करने को कहा है। इस मामले की रोजाना सुनवाई होगी। साथ ही अदालत ने इस कांड से जुड़े सभी पांच मामलों को उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये अंतरिम मुआवजे के तौर पर देने का निर्देश दिया है। पीड़िता और वकील के परिवार को तत्काल प्रभाव से सीआरपीएफ की सुरक्षा देने का भी आदेश दिया गया है। अदालत ने कहा कि पीड़िता और वकील के परिजन चाहें तो उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है। इससे पहले मामले पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली तीन जजों की पीठ ने सीबाआई के जिम्मेदार अधिकारी को पहले दोपहर 12 बजे अदालत में पेश होने के लिए कहा था। इस आदेश के बाद सीबीआई के संयुक्त निदेशक संपत मीणा अदालत में पेश हुए जिससे पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत को लेकर सख्त सवाल पूछे गए। उनसे पूछा गया कि 28 जुलाई को सड़क हादसे का शिकार हुई पीड़िता का अब स्वास्थ्य कैसा है और क्या उसे दिल्ली स्थानांतरित किया जा सकता है। अदालत ने पीड़िता और उसके वकील की मेडिकल रिपोर्ट मांगी है। साथ ही एम्स से पूछा कि क्या पीड़िता और उसके वकील को एयरलिफ्ट करके दिल्ली लाया जा सकता है? इसके अलावा अदालत ने कहा कि पीड़िता, उसके वकील, पीड़िता की मां, पीड़िता के चार भाई-बहनों, उसके चाचा और परिवार के सदस्यों को उन्नाव के गांव में तत्काल प्रभाव से सीआरपीएफ की सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करने का आदेश देते हैं। अदालत ने अमेकस क्यूरी वी गिरी को निर्देश दिया है कि वह उन्नत उपचार के लिए घायल वकील को शिफ्ट करने के लिए परिवार से बात करें। इसके अलावा लखनऊ के आईसीयू में भर्ती पीड़िता को बेहतर उपचार के लिए एम्स शिफ्ट कराने के संबंध में भी पूछा गया है। सीजेआई रंजन गोगोई ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि आपको उन्नाव बलात्कार पीड़िता और अन्य के सड़क हादसे मामले की जांच के लिए कितने समय की जरूरत है? इसपर सॉलिसिटर जनरल ने कहा एक महीना। इसके जवाब में सीजोई ने कहा, 'एक महीना? नहीं सात दिन में मामले की जांच करें।' सीजेआई ने पूछा, 'पीड़िता की हालत कैसी है? इसपर मेहता ने उन्हें बताया कि वह वेंटीलेटर पर है। इसके बाद सीजेआई ने कहा, क्या वह ट्रांसफर करने की हालत में है। क्या उसे एयरलिफ्ट किया जा सकता है। हम इसके बारे में एम्स से पूछेंगे। हम दोपहर दो बजे वापस आएंगे और सभी पांच मामलों को ट्रांसफर करने और पीड़िता और वकील को दिल्ली स्थानांतरित करने को लेकर आदेश देंगे। डॉक्टर बेहतर जज होते हैं। वह इस बात का फैसले लेंगे कि पीड़िता और उसके वकील को दिल्ली एयरलिफ्ट किया जा सकता है या नहीं।' बता दें कि सीजेआई को लिखा उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता का पत्र देरी से मिलने पर उच्चतम न्यायालय ने नाराजगी जताई की थी। सीजेआई रंजन गोगोई की पीठ ने बुधवार को मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल से रिपोर्ट भी मांगी कि आखिर पत्र को हम तक पहुंचने में देरी क्यों हुई? जस्टिस गोगोई ने रजिस्ट्रार से पूछा कि 12 जुलाई को लिखी गई चिट्ठी मंगलवार दोपहर तक उनके सामने क्यों पेश नहीं की गई?
  • Blogger Comments
  • Facebook Comments

0 comments:

Post a Comment

आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।

Item Reviewed: उन्नाव कांड: सुप्रीम कोर्ट ने दिया सात दिन में जांच पूरी करने का आदेश, पीड़िता को सीआरपीएफ सुरक्षा Rating: 5 Reviewed By: newsforall.in