नई दिल्ली। गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम संशोधन (अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन अमेंडमेंट यानी यूएपीए) विधेयक 2019 लोकसभा में पास हो गया। इस विधेयक को एंटी टेरर बिल भी कहा जा रहा है। इसके तहत अब कोई भी व्यक्ति आतंकी घोषित हो सकेगा। इस विधेयक को लेकर लोकसभा में जोरदार बहस हुई तथा विपक्ष ने हंगामा करते हुए इसका विरोध किया। बिल पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा भी कि आतंकवाद के खिलाफ कड़े कानून की आवश्यकता है। इस बिल में संगठनों के साथ-साथ आतंकी गतिविधियों में लिप्त व्यक्ति को भी आतंकवादी घोषित किए जाने का प्रावधान है। लोकसभा में शाह ने यासीन भटकल मामले का जिक्र करते हुए कहा कि एनआईए ने उसके संगठन इंडियन मुजाहिदीन को आतंकी संगठन घोषित किया था लेकिन यासीन को नहीं, क्योंकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं था। शाह ने कहा कि इसी कमजोरी का फायदा उठाते हुए भटकल ने 12 आतंकी घटनाएं कीं।
संशोधित कानून के तहत अब आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों की संपत्ति भी जब्त की जा सकेगी। हालांकि, ऐसा करने के लिए पहले राज्य के डीजीपी की अनुमति लेना आवश्यक होगा। वहीं, अगर एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) मामले की जांच कर रही है तो उसे केवल एनआईए के महानिदेशक की मंजूरी लेनी होगी। एनआईए को डीजीपी से मंजूरी लेना जरूरी नहीं होगा। इस कानून के तहत केंद्र सरकार उन संगठनों या व्यक्तियों को आतंकी घोषित कर सकेगी जिन्होंने आतंकी घटना को अंजाम दिया हो या घटना में शामिल हों। आतंकवाद के लिए तैयारी कर रहे हों। आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हों या आतंकवाद में किसी भी तरह से शामिल रहे हों।
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