महाकुंभ में विश्व के जानेमाने विशेषज्ञों के अलावा शोध और अध्ययन कर रहे छात्र-छात्राएं होंगे शामिल
नई दिल्ली। भुवनेश्वर स्थित कीट-कीस के संस्थापक और लोकसभा सांसद प्रो अच्युत सामंत ने एक पत्रकार सम्मेलन में जानकारी दी कि 45 वर्षों के अंतराल के उपरांत भारत में 19वीं विश्व मानवशास्त्र कांग्रेस 2023 में आयोजित होने जा रहा है जिसकी मेजबानी कीट-कीस करेगा। यह दोनों ही विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों के लिए गौरव की बात है। उन्होंने यह भी बताया कि 2023 में जनवरी 15 से लेकर 19 तक यह महाकुंभ आयोजित होगा। इसमें लगभग 10 हजार प्रतिनिधिगण हिस्सा लेंगे। प्रो सामंत के अनुसार यह विश्व मानवशास्त्र कांग्रेस मानवजाति शोषार्थियों के लिए बहुत बड़ा अवसर है। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि ओडिशा अपने पुरी, कोणार्क जैसे अनेक विश्वस्तरीय पर्यटनस्थलों के लिए विश्वविख्यात है ऐसे में आयोजन पक्ष की ओर से ओडिशा के प्रमुख प्रमुख पर्यटनस्थलों की सैर आदि कराने का भी इंतजाम किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि इसका आयोजन कौन देश करेगा इसके लिए बोली लगानी पड़ती है जिसमें 2014 में भुवनेश्वर स्थित विश्व के सबसे बड़े आदिवासी आवासीय विद्यालय कलिंग इंस्टीट्यूट आफ सोसलसाइंसेज ने आयोजन हेतु आवेदन किया था। लेकिन वह बोली लगानेवाले ब्राजील से अंतिम राउण्ड में हार गया था। लेकिन इस वर्ष 16 जुलाई से लेकर 18 जुलाई तक मेजबानी के लिए मतदान हुआ जिसमें क्रोएसिया को हराकर कीस ने मेजबानी हेतु अपनी दावेदारी प्राप्त की जिसमें पूर्ण समर्थन उत्कल विश्वविद्यालय भुवनेश्वर, संबलपुर विश्वविद्यालय संबलपुर, इण्डियन एन्थ्रोपोलाजीकिल संघ और दिल्ली का रहा है। मतदान में कुल लगभग पांच हजार प्रतिनिधियों ने ब्राजील कांग्रेस में हिस्सा लिया था। प्रो सामंत ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पत्रकारों को बताया कि लगभग 28 वर्ष पूर्व उन्होंने कीट-कीस की स्थापना की थी और वहां पर यह विश्व मानवशास्त्र काग्रेस 2023 में आयोजित होने जा रहा है जिसके लिए वे पूरी तरह से प्रसन्न हैं। गौरतलब है कि भारत को स्वर्गीय प्रो एल पी विद्यार्थी के नेतृत्व में पहली बार इसकी मेजबानी 1978 में मिली थी। प्रस्तुति : अशोक पाण्डेय
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