भुवनेश्वर। यूनिट-3 राममंदिर में रामकथा महोत्सव चल रहा है। रामकथा मर्मज्ञ वृंदावनवासी श्रीरामशरण महाराज के कृपा पात्र शिष्य पण्डित रामशरणजी महाराज प्रतिदिन सायंकाल व्यासपीठ से रामकथा के अलग-अलग प्रसंगों की सुंदर कथा सुना रहे हैं। आज की कथा का प्रसंग धनुष यज्ञ और श्रीराम-जानकी विवाह था जिसमें कथा व्यास ने तीन राम परशुराम,मयार्दापुरुषोत्तम राम और बलराम की विस्तृत जानकारी देते हुए प्रारब्ध के अनुसार भगवान राम के द्वारा शिव धनुष तोड़ने की कथा अपने श्रद्धालु भक्तों को सुनाई। उन्होंने यह भी बताया कि जनकपुरवासियों की यह परम्परा अनादिकाल से रही है वे दुल्हे का आदर-सत्कार विवाह से पूर्व ही आरंभ कर देते हैं। और शिव धनुष के टूटने के साथ ही एक तरफ सभा में बैठे राजाओं के चेहरे पर उदासी छा गई तो राम प्रसन्न चित्त थे।जनकपुरवासी अति प्रसन्न थे। श्रीराम जानकी विवाह की तैयारियां विवाह से पूर्व ही आरंभ हो गई। श्रीरामजी का जनकपुरवास जनकवासियों के लिए तत्काल अलौकिक आनन्द बन गया। जनकपुर की सभी स्त्रियां,युवतियां और बच्चे आ-आकर दुल्हा श्रीराम के मुस्कराते चेहरे का दर्शन कर फूले नहीं समाते थे। उधर, सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में यहां तक कि स्वर्ग लोक से भी समस्त देवतागण श्रीराम-सीता विवाह के दिव्य अवलोकन हेतु आतुर हो गये। उपस्थित श्रोताओं ने अश्रुपूरित नेत्रों से श्रीराम-जानकी विवाह का आनंद उठाया। 19जुलाई को सायंकाल राम कथा सायंकाल पूणार्हूति के उपरांत प्रसादसेवन के साथ विराम लेगा। आयोजकों की ओर से आनेवाले कल की कथा श्रवण हेतु सभी रामकथा प्रेमी सादर आमंत्रित हैं। आयोजन को सफल बनाने में श्रीराम कथा सेवा समिति भुवनेश्वर के ओमप्रकाश मिश्रा, कुसुम शुक्ला, पुष्पा मिश्रा, पिंकी शर्मा, पुष्पा चंदुका, सुशीला गुप्ता और राधेश्याम शर्मा आदि ने पूर्ण सहयोग दिया। पूर्व के दिनों में व्यासपीठ से रामचरितमानस महात्म्य,राम की बाल लीलाओं आदि पर सुंदर चर्चा हुई।
प्रस्तुति : अशोक पाण्डेय
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