मंदिर के प्रतिष्ठाता प्रो अच्युत सामंत द्वारा छेरापहंरा का दायित्व हुआ संपन्न
भुवनेश्वर। रथयात्रा के पावन अवसर पर भुवनेश्वर वाणीक्षेत्र स्थित जगन्नाथ मंदिर की ओर से रथयात्रा अनुष्ठित हुई जिसमें सुबह में मंदिर के समस्त रीतिनीति के तहत मंगल आरती हुई ,मइलम,तड़पलागी,रोशा होम,अभिषेक,सूर्यपूजा और रथ पूजा आदि विधिवत संपन्न हुआ। देवविग्रहों को पहण्डी कराकर उन्हें रथारुढ़ किया गया।तीनों रथों बलभद्रजी,सुभद्राजी और जगन्नाथजी के रथ क्रमश तालध्वत,देवदलन और नदीघोष रथ पर आकर वाणीक्षेत्र कीस जगन्नाथ मंदिर के प्रतिष्ठा प्रो अच्युत सामंत ने छेरापंहरा का दायित्व वहन किया। कुल लगभग 50हजार जगन्नाथ भक्तों की उपस्थिति में तीनों रथों को खीचकर गुण्डीचा मंदिर लाया गया। मौके पर देवी सुभद्राजी का रथ देवदलन सिर्फ महिलाओं ने खीचा। अगले 9 दिनों तक गुण्डीचा मंदिर में मंदिर में पूजा की दिनचर्या के साथ-साथ सायंकाल भजन-कीर्तन आदि का आयोजन होगा । गौरतलब है कि वाणीक्षेत्र जगन्नाथ मंदिर में पिछले 13 सालों से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा,बाहुड़ा यात्रा,सोना वेश,अधरपड़ा और नीलाद्रि विजय आदि बड़े आकार में अनुष्ठित होती है।प्रतिवर्ष अक्षय तृतीया के दिन से तीन नये रथों का निर्माण होता है। इस वर्ष भी 07मई को अक्षयतृतीया के दिन श्रीमंदिर पुरी धाम के निर्धारित नियमानुसार तीनों रथों का निर्माण हुआ आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा को यानी 3जूलाई को रथों को नये परिधानों से सुसज्जित कर मंदिर के सामने लाकर खड़ा किया गया जहां से 4जुलाई को रथयात्रा निकाली गई । अनुष्ठित रथयात्रा में कीट-कीस के स्टाफ सहित पटिया क्षेत्र के लगभग 50 हजार जगन्नाथ भक्तों इसमें हिस्सा लिया और रथारुढ़ जगन्नाथ के दर्शनकर धर्म,दर्शन और ज्ञान की त्रिवेणी गोते लगाया। प्रस्तुति : अशोक पाण्डेय
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