नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी महासचिव और मिलिंद देवड़ा ने रविवार को मुंबई कांग्रेस प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया। सिंधिया ने लोकसभा चुनाव में हुई हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा इस्तीफा दिए जाने पर पार्टी में इस्तीफों का दौर जारी है। रविवार को पहले देवड़ा और फिर सिंधिया का इस्तीफा भी इसी कड़ी में है। सिंधिया ने रविवार को ट्विटर पर लिखा, मैं जनादेश को स्वीकार करते हुए पारदर्शिता की जिम्मेदारी समझता हूं। मैंने बतौर कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को अपना त्यागपत्र भेज दिया है। मुझे लगता है कि वह मेरी इस जिम्मेदारी को समझेंगे। मुझे पार्टी को बचाने के लिए एक कार्य करने का मौका देंगे।
वहीं मिलिंद देवड़ा ने मुंबई कांग्रेस प्रमुख के पद से अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी और कहा कि वह पार्टी को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका निभाने की आशा करते हैं। देवड़ा ने इस साल होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव तक नगर पार्टी इकाई के कामकाज की देखरेख के लिए कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं की सदस्यता वाली एक अस्थायी सामूहिक नेतृत्व (समिति) गठित करने की सिफारिश की है। देवड़ा ने 26 जून को नई दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद यह पद फौरन छोड़ने की इच्छा जताई थी। इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ भी मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं। उनके अलावा प्रभारी महासचिव दीपक बावरिया, वरिष्ठ अधिवक्ता और विधिक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक तन्खा ने भी अपना इस्तीफा कांग्रेस को सौंप दिया है। बता दें अभी किसी भी कांग्रेसी नेता का इस्तीफा मंजूर नहीं किया जा सका है। बताया जाता है कि जब तक कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होती और वह इन सभी नेताओं के इस्तीफे स्वीकार नहीं करते, सभी नेता अपने-अपने पदों पर बने रहेंगे।
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