उज्जैन। उज्जैन में एक आईपीएस अधिकारी बेटे और मां का मिलन देखकर कई लोगों की आंखें भर आईं। दरअसल इस बेटे ने कुछ मजबूरियों की वजह से तीन महीने पहले अपनी मां को उज्जैन के एक होटल में अकेला छोड़ गया था। इसके बाद बेबस मां ने सेवाधाम आश्रम में समय बिताया। बुधवार को जब बेटा वापस लौटकर आया, तो मां-बेटे एक दूसरे से गले लगकर खूब रोए। इसके बाद वह मां को दिल्ली ले गया।
जानकारी के मुताबिक गुजरात कैडर के 2004 के आईपीएस अधिकारी अविनाश जोशी तीन महीने पहले अपनी मां तारा जोशी के साथ उज्जैन दर्शन करने आए थे। इस दौरान वे एक होटल में रुके। कुछ दिनों बाद कुछ जरूरी काम का हवाला देकर मां को होटल में ही छोड़कर चले गए। तारा जोशी एक हफ्ते तक होटल में रुकीं। उनके पास पैसे खत्म हो गए तो होटल के संचालक ने कलेक्टर शशांक मिश्र को इस बारे में बताया। कलेक्टर ने तारा जोशी को वन स्टॉप सेंटर भिजवा दिया। इसके एक हफ्ते बाद उज्जैन से 14 किमी दूर अंकित ग्राम सेवाधाम आश्रम के संस्थापक सुधीरभाई गोयल को इसकी जानकारी मिली। जिला प्रशासन के माध्यम से वे तारादेवी को अपने आश्रम में ले आए और वहां उनकी अपनी मां की तरह सेवा की।
सुधीर भाई और बाल कल्याण समिति झाबुआ ने तारा जोशी के बेटे का पता और मोबाइल नंबर ढूंढ निकाला और उनसे संपर्क किया। अविनाश जोशी ने उनसे काम को लेकर अपनी मजबूरियां बताई और कहा कि वो कुछ महीने बाद आ पाएंगे। सुधीर भाई ने अविनाश से लगातार संपर्क बनाए रखा। आखिरकार ढाई महीने बाद अविनाश जोशी आए और अपनी मां तारा जोशी को साथ ले गए। तारा जोशी ने बताया कि उनके बेटे अविनाश की अभी शादी नहीं हुई है। उन्हें नौकरी से निलंबित कर दिया गया है इसलिए वो परेशान हैं। हालांकि वो अपनी परेशानी के बारे में नहीं बता रहे हैं। तारा जोशी कहती हैं कि वो स्वतंत्र पत्रकार रह चुकी हैं। उन्होंने संगीत में स्नातक की डिग्री ली है। अब वे एलबम निकालना चाहती हैं। अविनाश जोशी ने कहा कि उनकी मां ने उन्हें बहुत अच्छी परवरिश दी है। लेकिन अपने हालात से मजबूर अविनाश कहते हैं कि जिंदगी में सब अपने हाथ में नहीं होता। उन्होंने कहा कि वे अपनी मां से बेहद प्यार करते हैं लेकिन कुछ व्यक्तिगत मजबूरियों के चलते उन्हें मां को इन हालात में छोड़कर जाना पड़ा।
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।