नई दिल्ली। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी सुभाष चंद्र गर्ग ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन किया है। वित्त मंत्रालय से बिजली मंत्रालय में स्थानानंतरित किए जाने के एक दिन बाद उन्होंने यह कदम उठाया है। गर्ग वित्त मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ नौकरशाह थे. वह आर्थिक मामलों के विभाग के प्रभारी रहे और उन्हें वित्त सचिव नामित किया गया था। हालांकि, आश्चर्यजनक तरीके से बुधवार को जारी एक आदेश के तहत उन्हें बिजली सचिव बना दिया गया। सुभाष चंद्र गर्ग ने ट्वीट कर अपनी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बारे में जानकारी दी है।
बिजली मंत्रालय को वित्त मंत्रालय की तुलना में अपेक्षाकृत हल्का विभाग माना जाता है। आर्थिक मामलों के सचिव के रूप में वह राजकोषीय नीति और आरबीआई संबंधित मामलों के प्रभारी थे। केंद्रीय बजट तैयार करने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। वित्त मंत्रालय से गर्ग की विदाई मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट को संसद की मंजूरी से जुड़ी प्रक्रिया पूरी होने के एक दिन बाद की गई। गर्ग की जगह निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव अतनु चक्रवर्ती को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। सूत्रों के अनुसार गर्ग नॉर्थ ब्लाक स्थित अपने कार्यालय में बृहस्पतिवार को सुबह आए लेकिन दोपहर बाद चले गए। नॉर्थ ब्लाक में वित्त मंत्रालय का दफ्तर है। यह अभी पता नहीं चला है कि गर्ग ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के लिए सरकार को आवेदन कब दिया। यह भी अभी पता नहीं चला है कि क्या सरकार ने उनका आवेदन स्वीकार कर लिया है? अगर उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन नहीं किया होता तो वह अक्टूबर 2020 में 60 साल की उम्र पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त होते।
इस बारे में गर्ग से टिप्पणी लेने की कोशिश की गयी, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। राजस्थान कैडर के 1983 बैच के आईएएस अधिकारी गर्ग 2014 में विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक बनने के बाद चर्चा में आए। वह वहां 2017 तक रहे। उसके बाद उन्हें जून 2017 में आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव बनाया गया। मार्च 2019 में एएन झा के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें वित्त सचिव बनाया गया। वित्त मंत्रालय में चली आ रही परंपरा के मुताबिक मंत्रालय के पांच सचिवों में से जो भी सबसे वरिष्ठ होता है उसे वित्त सचिव नामित किया जाता है।
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