मुंबई। दक्षिण मुंबई के डोंगरी इलाके में मंगलवार को एक चार मंजिला आवासीय इमारत गिर गई जिससे अब तक 15 लोगों की मौत हो गई जबकि पांच लोग घायल हैं। मलबे में अभी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। मलबे में दबे लोगों में से अभी तक एक मासूम समेत पांच लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। आवास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा है कि इस हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो गई है। काफी संख्या में स्थानीय लोग बचाव में लगे हुए हैं। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक सूचना के अनुसार डोंगरी में टंडेल मार्ग पर स्थित भूतल के अतिरिक्त चार मंजिल वाली इस केशरबाई बिल्डिंग का एक बड़ा हिस्सा सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर गिर गया। पुलिस ने बताया कि हादसे में अभी तक 12 लोगों की मौत हुई है और पांच अन्य घायल हुए हैं। बेहद घनी आबादी और संकरी सड़कों वाले इलाके में स्थित इस इमारत में काफी लोग रह रहे थे। इसके मलबे में कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। दमकल विभाग, मुंबई पुलिस और निकाय अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं लेकिन संकरी सड़कों के कारण राहत एवं बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में जुटे हैं और मलबा हटाने में मदद कर रहे हैं। एम्बुलेंस मौके पर नहीं पहुंच पा रही है, उसे 50 मीटर की दूरी पर खड़ा करना पड़ा है। इस इमारत का मालिकाना हक महाराष्ट्र आवास एवं विकास प्राधिकरण के पास है। संस्था के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। बचाव कार्य में मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमें भी मौके पर पहुंच गई हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीएमसी ने मुंबई की 499 इमारतों को असुरक्षित घोषित कर दिया है। मानसून के दौरान 500 इमारतें ऐसी हैं जिनपर खतरा मंडरा रहा है। बीएमसी के लिए सिरदर्द बनीं इन इमारतों में रहने वाले कई लोग इन्हें खाली नहीं करना चाहते हैं। इस मामले में मुंबई का अंधेरी-जोगेश्वरी (वेस्ट) सबसे आगे है। जहां की 51 इमारतें असुरक्षित हैं। इसके बाद 38 इमारतों के साथ विरे परेल दूसरे स्थान पर है जिन्हें इस साल सी1 श्रेणी में रखा गया है। बीते साल बीएमसी ने 619 इमारतों को खतरनाक बताया था। हालांकि इस साल ये संख्या 19 फीसदी तक कम हुई है।
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