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क्या वंदे मातरम न कहने वालों को भारत में रहने का अधिकार होना चाहिए: प्रताप सारंगी

नई दिल्ली। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) और पशुपालन राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने सोमवार को संसद में अपना पहला भाषण देते हुए सवाल पूछा कि क्या वंदे मातरम न कहने वालों को देश में रहने का अधिकार होना चाहिए। बता दें कि सारंगी ओडिशा के बालासोर से पहली बार सांसद बने हैं। सारंगी ने सवाल उठाया, ‘क्या वंदे मातरम नहीं कहने वाले लोगों को देश में रहने का अधिकार होना चाहिए?’ उन्होंने कहा, ‘देश टुकड़े-टुकड़े गैंग को कभी स्वीकार नहीं करेगा। देश प्रधानमंत्री के साथ है।’ इसके साथ ही उन्होंने पूछा, ‘क्या अफजल गुरु की प्रशंसा करने वालों को देश में रहने का अधिकार होना चाहिए। इस दौरान सरकार के पक्ष के लोगों ने इन सवालों के जवाब में पीठ थपथपाई और कहा कि नहीं, कीमत पर नहीं।’ बता दें कि, सारंगी का यह बयान उस घटना के कुछ दिन बाद आया है जिसमें समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान ने पिछले हफ्ते शपथ ग्रहण के दौरान वंदे मातरम कहने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि यह इस्लाम के खिलाफ है। अपने भाषण में सारंगी ने कहा, ‘भाजपा ने सभी तबके के लोगों का विश्वास जीता है और उनकी भागीदारी से सरकार चल रही है। उन्होंने कहा, कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन वाली सरकार के 10 साल के दौरान कुशासन और भ्रष्टाचार था।’ पूर्व में ओडिशा बजरंग दल के राज्य संयोजक रहे सारंगी अपने हिंदुत्ववादी रुख के लिए जाने जाते हैं। साल 2002 में बजरंग दल सहित दक्षिणी पंथी समूहों द्वारा ओडिशा विधानसभा पर किए गए हमले, आगजनी और दंगे सहित कई अन्य आरोपों में सारंगी जेल जा चुके हैं। सारंगी के चुनावी हलफनामे के अनुसार, सारंगी 10 आपराधिक मामलों में आरोपी हैं, लेकिन किसी एक में भी दोषी नहीं ठहराए गए हैं।
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