वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री व मेयर पद की पूर्व प्रत्याशी शालिनी यादव के संयोजकत्व में आयोजित "राष्ट्रीय एकता की चुनौतियां" विषयक संगोष्ठी में बोले कांग्रेसी सांसद
वाराणसी। सांसद व वरिष्ठ पत्रकार राजीव शुक्ला ने काशी बौद्धिक मंच द्वारा आज पराड़कर स्मृति भवन में आयोजित "राष्ट्रीय एकता की चुनौतियां" विषयक संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में व्याख्यान देते हुए कहा कि धर्म की कट्टरता पर आधारित देश कभी तरक्की नहीं करते। धार्मिक, साम्प्रदायिक कट्टरता की संकीर्ण सोच किसी भी राष्ट्र की एकता और विकास की सबसे बड़ी चुनौती होती है। एक साथ बने दो देशों में बड़े एवं सर्वसंसाधन समर्थ पाकिस्तान का अंतरद्वंद्व एवं पिछड़ापन तथा छोटे व संसाधनविहीन दुबई के समृद्ध विकास का अंतर इसका सबसे बड़ा नमूना है। पाकिस्तान की धर्म कट्टरता की राजनीति ही उसकी सबसे बड़ी चुनौती रही है।
उन्होंने कहा कि सनातन भारतीय संस्कृति में सबके सामंजस्य एवं समाज के अंतिम व्यक्ति के प्रति संवेदनशीलता से भरी समन्वयी गतिशीलता के तत्व निहित रहे हैं। संगोष्ठी व विद्वत सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए संयोजक वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री व पूर्व मेयर प्रत्याशी शालिनी यादव ने राष्ट्रीय एकता के सामने वर्तमान चुनौतियों की चर्चा की तथा इस कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। अध्यक्षता केन्द्रीय विधि विवि, रांची के कुलपति प्रो.बीसी निर्मल ने की। संगोष्ठी में प्रो.राम प्रकाश द्विवेदी, प्रो.जयप्रकाश त्रिपाठी, आनन्द चतुर्वेदी, डा.एमआर पाठक और अमित राय को सम्मानित किया गया। आरंभ भें नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। अति. संयोजक डा.क्षेमेन्द्र त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापन तथा डा.आनंद तिवारी ने संचालन किया।
इस अवसर पर सर्वश्री प्रो.जय प्रकाश त्रिपाठी, ऋतु पांडेय, डॉ. शैलेन्द्र त्रिपाठी, डॉ.अरुण सिंह, डॉ. अंजनी पाण्डे, अनिल श्रीवास्तव, अनिल यादव, नासिर अली, दिनेश यादव, रमज़ान अली, हाजी ओकास, डॉ. रवि यादव,रेखा शर्मा, मुरलीधर सेठ, दिनेश तिवारी, डॉ.मोहम्मद फ़ारूक़, डॉ.अवधेश सिंह, प्रमोद पाण्डेय, डा.अरुण श्रीवास्तव, डा.शार्दुल चौबे, प्रजानाथ शर्मा, सीताराम केसरी, विज्जी महाराज, अनूप श्रमिक, जागृति राही, राधेश्याम सिंह आदि उपस्थित रहे। आखिर में कार्यक्रम की संयोजक शालिनी यादव ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी के प्रति आभार जताया।
राजीव रंजन तिवारी (संपर्कः 8922002003)
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