बेंगलुरु। कांग्रेस की कर्नाटक इकाई ने सोमवार को दावा किया कि राज्य में 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के कुछ विधायकों और नेताओं ने पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष जी. परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा के कुछ विधायकों और नेताओं ने हमारी पार्टी में शामिल होने की इच्छा जताई है और हमारे संपर्क में हैं। लेकिन हर किसी को पार्टी में लेना कठिन है क्योंकि उन विधानसभा क्षेत्रों में हमारी अपनी पार्टी के नेता हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें पार्टी में लेने से पहले हमें सोचना होगा।’’ बहरहाल, परमेश्वर ने कहा कि जनता दल सेक्युलर के कई बागी नेताओं को पार्टी में लेने का निर्णय किया जा चुका है।
जद एस के सात बागी विधायकों में जमीर अहमद खान (चामराजपेट), एन. चालुवरायास्वामी (मांडया), अखंड श्रीनिवासमूर्ति (पुलकेशीनगर), एच सी बालाकृष्णा (मगादी), भीमा नाइक (हगरीबोम्मनहल्ली), रमेश बंदीसिद्देगौड़ा (श्रीरंगपट्टनम) और इकबाल अंसारी (गंगावती) शामिल हैं। पार्टी में शामिल होने के लिए वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर चुके हैं। कर्नाटक से राज्यसभा की चार सीटों के लिए हुए द्विवार्षिक चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ वोट देने और कांग्रेस का समर्थन करने के लिए जद एस ने उन्हें जून 2016 में पार्टी से निष्कासित कर दिया था। यह पूछने पर कि क्या कांग्रेस भाजपा के ‘आपरेशन कमल’ की तरह ‘आपरेशन हस्त (हाथ)’ चला रही है तो परमेश्वर ने कहा, ‘‘आप इसे कुछ भी कह सकते हैं…वे पार्टी में शामिल होने को इच्छुक हैं।’’ ‘आपरेशन कमल’ में भाजपा ने विपक्ष के कई विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल किया जिन्होंने अपनी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और भगवा दल में शामिल हुए और इसके टिकट पर चुनाव जीते। इस रणनीति से विधानसभा में भाजपा ने आसानी से जीत दर्ज की थी और बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने थे। साभार जनसत्ता
राजीव रंजन तिवारी (संपर्कः 8922002003)
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