लखनऊ। रिहाई मंच ने अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में पुलिस की आपराधिक छापेमारी पर सवाल करने वाले छात्र आमिर मनटोई के उठाए जाने की कड़ी निंदा करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की। रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि एएमयू में एनआईए और जांच एजेंसियों की छापेमारी के दौरान इस कार्रवाई का कारण पूछने वाले छात्र आमिर मन्टोई को पुलिस ने उठाकर साबित कर दिया कि वह आपराधिक कार्रवाई कर रही थी। क्योंकि अगर वह सही थी तो उसे छात्रों को बताना चाहिए था। छापेमारी का कारण जानना नागरिक का हक है। सिर्फ मुस्लिम युनिवर्सिटी होने के नाते इस हक को नहीं छीना जा सकता। उन्होंने कहा कि पुलिस उसे क्यों पन्ना देवी थाने ले गई जबकि एएमयू सिविल लाइन थाना क्षेत्र में आता है। आमिर की सुरक्षा को लेकर उन्होंने आशंका व्यक्त की कि पुलिस उसे किसी झूठे मामले में फंसा सकती है।
राजीव यादव ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एएमयू के छात्र मनान वानी की फोटो वायरल हो जाने के बाद मीडिया में एएमयू को आतंकवाद से जोड़कर दिखाने की होड़ मच गई है। ऐसे में छात्रों का सवाल वाजिब है कि अभी बिना किसी जांच के इस तरह से युनिवर्सिटी का मीडिया ट्रायल न किया जाए। रिहाई मंच ने कहा कि जिस हबीब हाॅल में छापेमारी हुई वहीं से यूपी के मोबीन और जम्मू और कश्मीर के गुलजार वानी को भी आतंकवाद के फर्जी मामले में गिरफ्तार किया गया था। आखिरकार उनके जवानी के 16 साल बर्बाद होने के बाद वे पिछले साल ही अदालत से दोषमुक्त हुए। ऐसे में फोटो वायरल, मनान के परिवार द्वारा मिसिंग की एफआईआर दर्ज कराने के पहले हुई या बाद में, ऐसे बहुतेरे सवाल हैं जिनका जवाब मीडिया ट्रायल नहीं बल्कि जांच से मालूम चलेगा।
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।