मुंबई। भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने महाराष्ट्र के अकोला में बागी तेवर अपनाते हुए अपनी ही पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार (4 दिसंबर) की रात उन्हें महाराष्ट्र पुलिस ने तब हिरासत में ले लिया, जब वह विदर्भ क्षेत्र के किसानों के प्रति सरकार की 'बेरुखी' का विरोध कर रहे थे. सैकड़ों किसानों के साथ सिन्हा अकोला जिला कलेक्टर के कार्यालय के बाहर कपास और सोयाबीन पैदा करने वाले किसानों के प्रति सरकार की कथित बेरुखी का विरोध कर रहे थे. सिन्हा को हालांकि हिरासत में लिए जाने के कुछ समय बाद ही छोड़ दिया गया और वह वापस फिर से प्रदर्शन पर बैठ गए. अब यशवंत सिन्हा को विपक्ष के दो मुख्यमंत्रियों का समर्थन मिला है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर सिन्हा का समर्थन किया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, 'मैं पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा जी के जेल जाने के बारे में सुनकर चिंतित हूं. मैं अपने सांसद दिनेश त्रिवेदी को उनसे मिलने के लिए भेजूंगी. वह किसानों की हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्हें हमारा पूरा समर्थन है.'
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'यशवंत सिन्हाजी को क्यों गिरफ्तार किया गया. उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाना चाहिए. पूर्व वित्त मंत्री ने मंगलवार दोपहर को कहा कि हमने यहां रुकने का फैसला किया है. पुलिस हमें जहां लेकर जाएगी, हम वहां जाएंगे, लेकिन तब तक हमारी सभी मांगें पूरी हो जानी चाहिए प्रदर्शन जारी रहेगा. यशवंत के मुताबिक, मंगलवार सुबह तक उनकी अपनी पार्टी के नेताओं या फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस बारे में कोई बात नहीं हुई है. उन्होंने कहा, न ही वह मेरे पास आए और न ही मैंने उनसे बात करने की कोशिश की है. वहीं, अकोला के जिला पुलिस अधीक्षक राकेश कालासागर ने कहा, हमने बंबई पुलिस कानून की धारा 68 के प्रावधानों के तहत करीब 250 किसानों के साथ सिन्हा को हिरासत में लिया है. हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. साभार एनडीटीवी
राजीव रंजन तिवारी (संपर्कः 8922002003)
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