नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा के लिए पहले दौर की वोटिंग के प्रचार का आखिरी सप्ताह है। 7 दिसंबर को प्रचार खत्म हो जाएगा और 9 दिसंबर को मतदान होगा। लेकिन स्टार प्रचारक होने के बावजूद आडवाणी और वरिष्ठ नेता होने के बावजूद राजनाथ सिंह प्रचार में कहीं नजर नहीं आ रहे। बीजेपी के संस्थापक सदस्य और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी गुजरात विधानसभा चुनाव में कहीं नजर नहीं आ रहे। ऐसा पहली बार हो रहा है जब आडवाणी अपने राजनीतिक जीवन में गुजरात विधानसभा चुनाव से दूर हैं।
आडवाणी गांधीनगर लोकसभा सीट से पिछले 19 साल से सांसद हैं, इसलिए यह सवाल उठना स्वाभाविक है। जिस रथ यात्रा पर सवार होकर बीजेपी 2014 में सत्ता के शिखर तक पहुंची है, उसे भी आडवाणी ने 1990 में निकाला था, और इसकी शुरुआत भी सोमनाथ से हुई थी। ऐसे में चुनाव से उनकी दूरी चर्चा बनी हुई है। यूं तो बीजेपी के स्टार प्रचारकों की सूची में आडवाणी का नाम है, लेकिन प्रचार के लिए उनके किसी कार्यक्रम का अता-पता नहीं है। बीजेपी ने चुनाव आयोग को पहले दौर के लिए पार्टी के स्टार प्रचारकों की जो सूची भेजी है उसमें आडवाणी का भी नाम शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बाद सूची में आडवाणी का नाम तीसरे नंबर पर है। ऐसे में गर किसी को इंतजार है कि आखिर वे चुनाव प्रचार के लिए कब आएंगे। अंदर की कहानी यह है कि बीजेपी चाहती तो नहीं थी कि आडवाणी गुजरात में प्रचार के लिए जाएं, लेकिन कोई सवाल न उठा दे, इसलिए आडवाणी से पूछे बिना ही उनका नाम स्टार प्रचारकों की सूची में डाल दिया गया। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया कि कोई यह न कह सके कि आडवाणी को पार्टी ने चुनाव प्रचार से जान-बूझकर दूर रखा है।
स्टार प्रचारकों में शामिल कर मोदी-शाह की जोड़ी ने चाल चलकर गेंद आडवाणी के पाले में डाल दी है। लेकिन, मार्गदर्शक मंडल के दूसरे नेता मुरली मनोहर जोशी का तो सूची में नाम तक नहीं है। इतना ही नहीं गुजरात चुनाव में जिस नेता की गैर-मौजूदगी की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है, वो हैं गृहमंत्री राजनाथ सिंह। राजनाथ सिंह ने ही 2013 में आडवाणी की इच्छा के खिलाफ जाकर गोवा में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में नरेंद्र मोदी को पार्टी को बीजेपी की प्रचार समिति का मुखिया घोषित किया था जिसके बाद प्रधानमंत्री पद के लिए उनके नाम का रास्ता साफ हो गया था। उस समय राजनाथ सिंह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव में राजनाथ सिंह कहीं नजर नहीं आ रहे, वहीं जबकि मोदी कैबिनेट के दर्जनों मंत्री प्रचार में जुटे हुए हैं। साभार नवजीवन
राजीव रंजन तिवारी (संपर्कः 8922002003)
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