मुम्बई। जीएसटी और नोटबंदी पर चौतरफा घिरी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हाल ही में गुजरात चुनाव के मद्देनजर जीएसटी में कई बदलाव किये हैं। गुजरात चुनाव से पहले गुजरात में लोगों खासकर व्यापारियों की नाराजगी को देखते हुए मोदी सरकार को अपने कदम से पिछे हटना पड़ा है। एक तरह से कहा जाए तो आगामी चुनाव में मतदाताओं के गुस्से और विरोध की आशंका को देखते हुए मोदी सरकार ने मजबूरी में ‘यू टर्न’ ले लिया है। क्योंकि बीजेपी की ‘गुजरात में फटी तो जीएसटी घटी’! ये हम नहीं कह रहे हैं। ये बातें बीजेपी की पुरानी वैचारिक सहयोगी और केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ सरकार में साझीदार शिवसेना ने कही हैं। पार्टी के मुखपत्र ‘दोपहर का सामना’ में छपे संपादकीय में शिवसेना ने जीएसटी पर मोदी सरकार के पहले के रवैये और अब अचानक से यू टर्न लेने पर जमकर कटाक्ष किया है। सामना में अपने चिर-परिचित शैली में शिवसेना ने बीजेपी को आईना दिखाते हुए पूछा, ‘जब जीएसटी को आम जनता का समर्थन हासिल था, सिर्फ दलाल और कर चोरी करने वाले ही इसके विरोध में हंगामा कर रहे थे और जब इसका विरोध करने वाली पार्टियां देशद्रोही थीं तो फिर आखिरकार अब इस पर क्यों यू टर्न लिया गया। जो सरकार इस मुद्दे पर झुकने वाली नहीं थी तो वह सरकार कैसे इस मुद्दे पर नर्म पड़ गई।‘
इसका जवाब देते हुए पार्टी ने लिखा, ‘इसका उत्तर है गुजरात चुनाव में हो रहा उनका जबर्दस्त विरोध। संपादकीय में लिखा है, गुजरात में जगह-जगह बीजेपी कार्यकर्ताओं के घांव में घुसने पर पाबंदी लगा दी गई है। राज्य में चौक-चौराहों से बीजेपी के पोस्टर उतारे जा रहे हैं। राज्य में बीजेपी की हालत ये हो गई है कि खुद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को सड़कों पर उतरना पड़ा है और पीएम मोदी को 50 से ज्यादा जनसभाओं का कार्यक्रम बनाना पड़ा है। इसके अलावा महाराष्ट्र सहित अन्य बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी अपनी जनता और सारे काम छोड़ गुजरात चुनाव में प्रचार के लिए तंबू गाड़ने वाले हैं।‘ शिवसेना ने साफ कहा कि जीएसटी पर इस तरह कदम वापस खिंचना चुनाव पूर्व भ्रष्टाचार है। संपादकीय में बीजेपी की सहयोगी ने लिखा कि सोशल मीडिया पर चल रहे व्यंग्य, ‘गुजरात में फटी तो जीएसटी घटी’ में गलत कुछ भी नहीं है। पार्टी ने लिखा कि जीएसटी की वजह से मंहगाई बढ़ी है और आम जनता का बजट लड़खड़ा गया है और ऐसे में जो लोग बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था का जय-जयकार कर रहे हैं, वे सच में देश के दुश्मन हैं। पार्टी ने कहा कि ऐसे लोगों पर आर्थक हेराफेरी करने और देश को गड्ढे में ले जाने के लिए मुकदमे दर्ज किये जाने चाहिए। संपादकीय में शिवसेना ने पूर्व प्रधानमंत्री और जाने-माने अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह की भी तारीफ की है। पार्टी ने लिखा, जीएसटी से अर्थव्यवस्था में मंदी आई और नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया, यह सत्य है। और यह सत्य कोई और नहीं मनमोहन सिंह जैसे सरलमार्गी और चोटी के अर्थशास्त्री कह रहे हैं। बीजेपी का दंभ कि मनमोहन सिंह कौन? ऐसा दंभ भरने वालों को गुजरात की जनता ने जमीन पर ला पटका है। अंत में शिवसेना ने सवाल पूछा कि कलतक जो देश के दुश्मन औऱ अर्थव्यवस्था के कातिल थे, उनके आगे क्यों झुके। आगे पार्टी ने ही जवाब देते हुए लिखा, इस प्रश्न का उत्तर यही है कि ‘गुजरात में फटी तो जीएसटी घटी’। साभार नवजीवन
राजीव रंजन तिवारी (संपर्कः 8922002003)
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