नई दिल्ली। आपको तो याद ही होगा, पिछले वर्ष का 8 नवम्बर। इसी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। फिर क्या था अगले दिन से नोट बदलने के लिए लम्बी-लम्बी कतारें लगनी शुरू हो गईं। उन्हीं कतारों व धक्का-मुक्की में तकरीबन सवा सौ लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। विपक्ष का आरोप है कि केन्द्र सरकार ने नोटबंदी के दौरान जान गंवाने वाले के प्रति संवेदना तक प्रकट नहीं की और ना मृतक के परिजनों के लिए किसी तरह के मुआवजा का घोषणा किया गया।
8 नवंबर को नोटबंदी के एक वर्ष पूरे हो जाएंगे। इसे लेकर कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने काला दिवस मनाने की घोषणा की है। वहीं देश के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता पूनावाला बंधुओं (तहसीन पूनावाला व शहजाद पूनावाला) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से अपील की है कि वह मामले में हस्तक्षेप मृतकों के परिजनों को सरकार से आर्थिक मुआवजा दिलाए। इतना ही नहीं पूनावाला बंधुओं की देखरेख में नई दिल्ली के रफी मार्ग स्थित कन्स्टिच्यूशन क्लब में 6 नवम्बर को नोटबंदी के दौरान जान गंवाने वाले के लिए एक शोकसभा का आयोजन किया गया है। पूनावाला बंधुओं का यह कार्यक्रम बेहद चर्चित हो रहा है तथा पूरे देश में इस पर चर्चा हो रही है। खास बात यह है कि पूनावाला बंधुओं की टीम द्वारा लगातार पूरे देश में संदेश भेजकर लोगों से इस शोकसभा में शामिल होने की अपील की जा रही है।
राजीव रंजन तिवारी (संपर्कः 8922002003)
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