ताज़ा ख़बर

जीएसटी-नोटबंदी की विफलता का ‘ढाल’ बने सीताराम, पर पक्ष में नहीं है चुनाव का सियासी अंजाम!

गोरखपुर। नोटबंदी ने आम जनता से लेकर व्यापारियों तक को परेशान किया लेकिन जीएसटी ने तो व्यापारियों के कारोबार पर ही करारा चोट मार दी। नोटबंदी और जीएसटी के कारण तबाही के दौर से गुजर रहे व्यापारियों के जख्म पर मरहम लगाने के लिए गोरखपुर नगर निगम चुनाव में भाजपा ने व्यापारी नेता सीताराम जायसवाल को मैदान में उतार दिया है। यूं कहें कि सीताराम जायसवाल को जीएसटी-नोटबंदी की कथित विफलता का ‘ढाल’ बनाया गया है, लेकिन व्यापारी वर्ग की भाजपा से नाराजगी का सियासी अंजाम नकारात्मक ही प्रतीत हो रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ का शहर होने के नाते गोरखपुर नगर निगम चुनाव खास बन गया है। फलतः भाजपा के मेयर प्रत्याशी बनाए गए सीताराम जायसवाल का चुनाव जीतना सीएम के लिए भी प्रतिष्ठा का प्रश्न है। यद्यपि पार्टी ने बनिया बिरादरी के सीताराम जायसवाल को टिकट देकर जीएसटी-नोटबंदी के कारण भाजपा से नाराज व्यापारियों के जख्म पर मरहम लगाने की कोशिश की है, लेकिन व्यापारियों के ठप कारोबार के लिए यह सियासी मरहम नाकाफी प्रतीत हो रहा है। बताते हैं कि सीताराम जायसवाल को अपनी बिरादरी के लोगों का ही कथित रूप से विरोध झेलना पड़ रहा है। जब उनके सामने जीएसटी-नोटबंदी के बाबत व्यापारी वर्ग द्वारा सवाल उठाया जा रहा है तो वे खुद निरूत्तर हो जा रहे हैं। स्वाभाविक है, इस मुद्दे पर सीताराम जायसवाल क्या, भाजपा के दिग्गज नेताओं के पास तक संतोषजनक जवाब नहीं है। इसलिए यह चर्चा अभी से छिड़ गई है कि सीताराम जायसवाल के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं है। गौरतलब है कि भाजपा की कार्यशैली व नीतियों को ताक पर रखकर सीताराम जायसवाल को सीएम योगी आदित्यनाथ के करिश्मा का ही भरोसा है। सीएम के नाम पर वोट पाकर भले उनकी सियासी नैया पार हो जाए, पर पार्टी के नाम पर तो शहर का व्यापारी वर्ग कतई उन्हें वोट देने को तैयार नहीं है, यह मुद्दा महानगर की सियासी फिजां में गूंज रहा है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा के विरुद्ध बह रही हवा के कारण सीताराम जायसवाल खुद चिंतित हैं और सीएम योगी आदित्यनाथ के करिश्मा पर नजरें टिकाए बैठे हैं। बहरहाल, देखना यह है कि 22 नवम्बर (वोटिंग की तारीख) तक सीताराम जायसवाल अपने पक्ष में किस तरह हवा का रूख मोड़ते हैं।
राजीव रंजन तिवारी (संपर्कः 8922002003)
  • Blogger Comments
  • Facebook Comments

0 comments:

Post a Comment

आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।

Item Reviewed: जीएसटी-नोटबंदी की विफलता का ‘ढाल’ बने सीताराम, पर पक्ष में नहीं है चुनाव का सियासी अंजाम! Rating: 5 Reviewed By: newsforall.in