लखनऊ। रिहाई मंच ने यूपी में प्रतिमा-विसर्जन के दौरान हो रहे सांप्रदायिक तनाव के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. मंच ने आरोप लगाया की भाजपा नेताओं द्वारा ताजमहल पर सांप्रदायिक बयानबाजी करके जनता का ध्यान मूलभूत सवालों से भटकाने की कोशिश की जा रही हैं.
रिहाई मंच लखनऊ के प्रवक्ता अनिल यादव ने कहा कि राजधानी के काकोरी से लेकर पूर्वांचल के आजमगढ़ तक प्रतिमा विसर्जन और गोवर्धन पूजा के बहाने पूरे सूबे को सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोकने की लगातार कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि दशहरा और मोहर्रम को दौरान भी बहराइच से लेकर बलिया तक भाजपा इसी सांप्रदायिक रणनीति की तहत उन्माद फैलती रही ताकि निकाय चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण हो सके. बलिया में भाजपा विधायक संजय यादव की भूमिका साफ़ करती है कि सरकार के एजेंडे में सांप्रदायिक तनाव करवाना है. उन्होंने कहा कि भाजपा की रणनीति है कि पूरे देश को साम्प्रदायिकता की आग में झोंककर कुर्सी हासिल किया जाये, योगी और मोदी इसी रणनीति के उत्पाद हैं.
रिहाई मंच ने कहा कि गोरखपुर में हुई 2007 के सांप्रदायिक दंगे, जिसके मुख्य आरोपी आदित्यनाथ और केन्द्रीय मंत्री शिवप्रताप शुक्ला जैसे लोग हैं, का जो मुकदमा सामाजिक कार्यकर्ता असद हयात और वरिष्ठ पत्रकार परवेज़ परवाज द्वारा हाई कोर्ट इलाहाबाद में चल रहा है. जिसको वरिष्ठ अधिवक्ता फरमान अहमद नकवी लड़ रहे हैं, से दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की इन्साफ पसंद आवाम को उम्मीद है. इस कार्यवाही से साम्प्रदायिकता की आग लगाकर राजनीति रसूख पाने वालों पर लगाम लग सकेगी. (रिहाई मंच के प्रवक्त अनिल यादव (संपर्कः8542065846) द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित समाचार)
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