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अपनी ही कही बात फॉलो नहीं कर रहे पीएम नरेंद्र मोदी!

नई दिल्ली। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कही बात को गंभीरता से नहीं लेते? सोशल मीडिया पर ये सवाल पूछा जा रहा है एक तस्वीरर की वजह से। राष्ट्रापति रामनाथ कोविंद के साथ पीएम की एक तस्वीछर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। दरअसल मौका था 1 अक्टूीबर, 2017 को राष्ट्र पति के 72वें जन्म1दिन का। प्रधानमंत्री उनसे मिलने पहुंचे और उन्हें गुलदस्ता‍ (बुके) भेंट किया। गुलदस्ताग भेंट करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 33वीं ‘मन की बात’ के खिलाफ था। प्रधानमंत्री ने 25 जून, 2017 को देशवासियों को संबोधित करते हुए भाजपा शासित राज्यों सरकारों से फूलों की जगह किताबें भेंट किए जाने की अपील की थी। पीएम ने कहा था कि बेहतर होगा कि फूलों की बजाय गणमान्य अतिथियों का स्वागत पुस्तक देकर किया जाए। इससे पहले, 17 जून को पीएमओ इंडिया के ट्विटर हैंडल से प्रधानमंत्री का वह बयान ट्वीट किया गया, जिसमें उन्होंणने कहा, ” मैं अपील करता हूं कि जब आप किसी से मिलें उसे गुलदस्ते की जगह किताब भेंट करें। ये छोटा सा कदम बड़ा बदलाव ला सकता है।” हालांकि इसके ठीक दो दिन बाद ही प्रधानमंत्री खुद फूलों के गुलदस्ते के साथ रामनाथ कोविंद से मुलाकात करते नजर आए थे। तब भी उन्हें लोगों ने ट्विटर पर ट्रोल किया था। करीब एक महीने बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 17 जुलाई, 2017 को सभी प्रदेश सरकारों व सरकारी विभागों को बाकायदा आदेश दिये थे कि प्रधानमंत्री का स्वातगत फूल देकर न किया जाए। अब जब प्रधानमंत्री खुद फूल भेंट करते नजर आए हैं, तो उन्हें फिर ट्रोल किया जा रहा है। रीना सतिन ने तंज कसते हुए लिखा है, ‘जो व्यीक्ति उनके (मोदी) ट्वीट लिखता है और जिसने उनके हाथ में बुके थमाया, उन दोनों में संयोजन का अभाव है।’ कल्लो्ल रॉय ने चुटकी लेते हुए कहा, ”असल में वे (पीएम) चाहते हैं कि किताबों पर भारी जीएसटी वसूला जाए।” मध्युमेश्वकर सिंह ने कहा, ”ये इनके लिए कौन सी नयी बात है , “कहना कुछ करना कुछ” इसके तो ये मास्ट्र हैं। साभार जनसत्ता
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