यह भी पढ़ेः रंजीता की मांग, सुप्रीम कोर्ट के जज से करवाएं जांच, राहुल ने पीएम से पूछा, मोदीजी, जय शाह-'जादा' खा गया, आप चौकीदार थे या भागीदार, जय मांमले में राज बब्बर ने सरकार से पूछे सवाल, जय ने दायर किया सात के खिलाफ आपराधिक मामला
जयपुर। जय शाह ना तो कोई केन्द्रीय मंत्री है ना ही वो भाजपा संगठन में कोर्इ पदाधिकारी हैं। ऐसे में केन्द्रीय मंत्री और भाजपा में संगठन स्तर पर इस मामले में सफाई देने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए है। कांग्रेस ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी पर लगे कथित आरोप को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह बात आज यहां जयपुर में कही। उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी से मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग की। सुरजेवाला ने कहा कि सरकार को जय शाह की कंपनी टेंपल इंटरप्राइजेज प्रा. लिमिटेड के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दो पीठासीन जजों की कमेटी बनाकर निष्पक्ष जांच करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी के सामने ये चुनौती खड़ी हो गई है कि वो अब अमित शाह के साथ मित्रता निभाएं या अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से इस्तीफा मांगे। उन्होंने इस मामले में रेल मंत्री पियूष गोयल की ओर से दी गई सफाई को आश्चर्यजनक माना। सुरजेवाला ने कहा कि जब जयशाह की कंपनी ने 2016 में पवन चक्की दवारा 2.1 मेगावाट के बिजली उत्पादन का प्लांट लगाने का भी निर्णय लिया था। इसके लिए बिजली मंत्रालय की कंपनी इरडा ने जय शाह की कंपनी को 10.35 करोड़ का ऋण भी उपलब्ध करवाया था। उस समय देश के विद्युत मंत्री के तौर पियूष गोयल ही थे।
रंजीता की मांग, जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से करवाएं
हिमाचल कांग्रेस की सह प्रभारी, एआईसीसी सचिव और प्रवक्ता रंजीता रंजन ने जय शाह मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते रहे हैं - न मैं खाऊंगा, न खाने दूंगा। ऐसे में सवाल ये है कि अमित शाह के बेटे की कंपनियों को लाभ देने के लिए जिस तरह सत्ता का दुरुपयोग किया गया, क्या वही शाह का विकास का मॉडल है? कहा कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी शाह के बेटे को अनावश्यक लाभ दिया है। कांग्रेस मांग करती है कि इस मामले की जांच सुप्रीमकोर्ट के किसी सिटिंग जज से करवाई जाए। हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ ये मुद्दा होगा। रंजन ने कहा कि अहमदाबाद की एक वेबसाइट से अमित शाह के बेटे की कंपनियों में हुई इन अनियमितताओं की बातें पता चली हैं। इस वेबसाइट के सर्वर को भी अब स्लो कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वे किसी को गुनहगार या बेगुनाह नहीं कह रही हैं। हमें जो भी घोटाला नजर आ रहा है, उसका इन्हें जवाब देना चाहिए। क्या घोटाला हुआ है और उसमें क्या कमियां रही हैं? इन पर बातें साफ होनी चाहिए। जय शाह की कंपनी भाजपा के सत्ता में आने से पहले घाटे में रही। पचास हजार के व्यवसाय वाली इस कंपनी का बिजनेस एकाएक 80 करोड़ तक बढ़ गया। इसमें 51 करोड़ की धनराशि विदेशों से आईं। ये कैसे आई? इस पर स्थिति साफ नहीं है। साधारण व्यक्ति अगर इस तरह की अनियमितता को अंजाम देता तो वह जेल में होता। राजेश खंडेलवाल के माध्यम से इस कंपनी को 15 करोड़ का लोन दिया गया। उनका संबंध अंबानी समूह से है। एक अन्य कंपनी में भी ऐसी ही कई अनियमितताएं हुईं और उसे भी सरकारी प्रभाव से लाभ दिए गए। मोदी सरकार को जनता को इस सबका जवाब देना होगा।
राहुल गांधी ने पीएम से पूछा, मोदीजी, जय शाह-'जादा' खा गया, आप चौकीदार थे या भागीदार?
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी को लेकर एक वेबसाइट की रिपोर्ट में दावा किया गया कि मात्र 50000 रुपये के रुपये की कंपनी ने एक साल में 80,00,00,000 रुपये की बन गई. इस रिपोर्ट के बाद जहां बीजेपी वेबसाइट पर हमलावर है और कह रही है कि शाह के बेटे वेबसाइट पर क्रिमिनल डिफेमेशन का केस करेंगे वहीं कांग्रेस पार्टी बीजेपी पर हमलावर है. कांग्रेस पार्टी अब कई मंचों से सीधे बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को निशाना बना रही है. राहुल गांधी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @OfficeofRG से एक ट्वीट किया गया है जिसमें सीधा पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला किया गया है. इस ट्वीट में कहा गया है, मोदीजी, जय शाह-'जादा' खा गया. आप चौकीदार थे या भागीदार? कुछ तो बोलिए. इस ट्वीट के जरिए राहुल गांधी ने इस पूरे मामले में पीएम मोदी की अभी तक की चुप्पी पर सवाल उठाया है. इतना ही नहीं राहुल गांधी ने पीएम मोदी के शब्द चौकीदार पर भी प्रहार किया है. इस शब्द का प्रयोग नरेंद्र मोदी ने 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान किया है. विपक्षी दलों ने राजग सरकार के सत्ता में आने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे की कंपनी के कारोबार में हुई बेतहाशा 'कथित वृद्धि' से जुड़ी मीडिया में चल रही खबरों को लेकर जांच की मांग की है.
जय मामले में राज बब्बर ने सरकार से पूछे सवाल
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी में आये अप्रत्याशित उछाल पर लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा हम "टेंपल" का बहुत सम्मान करते हैं."टेंपल" का ज़िक्र आते ही हमारा सिर सम्मान से झुक जाता है. उन्होंने कहा कि अमित शाह के बेटे को पहले कंपनी के नाम से टेंपल शब्द हटा लेना चाहिए. राज बब्बर ने कहा कि इस देश में केवल कुछ ही स्टार्ट अप कंपनियां हैं जिन्होंने कमाल की तरक्की की है. यह कंपनी 16000 गुना मुनाफ़ा कर रही थी. गौरतलब है कि एक वेबसाइट द्वारा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी से जुड़ी एक खबर प्रकाशित की. खबर में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के आंकड़े को उद्धृत करते हुए कहा गया कि जय शाह के मालिकाना हक वाले 'टेंपल इंटरप्राइज' की संपत्ति में वर्ष 2015-16 के दौरान 16,000 गुना और उससे पहले के साल से करीब 80 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ. राजबब्बर ने कहा कि यह लोग मंदिर बनाने का वादा करके सत्ता में आये थे लेकिन इन्होने ऐसा मंदिर ‘‘टेम्पल इण्टरप्राइजेज’’ बना दिया जो सिर्फ लूट खसोट करके अपनी सम्पत्ति बढ़ाने में लगी रही। उन्होने कहा कि कम से कम एक केन्द्रीय मंत्री को तो एक निजी व्यवसायी के बचाव में नहीं आना चाहिए था ऐसा होने से पूरी की पूरी केन्द्र सरकार सवालों के घेरे में आ गयी है।
जय शाह ने दायर किया सात के खिलाफ आपराधिक मामला
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र जय शाह ने उनकी कंपनी के मुनाफे को लेकर लिखी गई खबर की मंशा पर सवाल उठाते हुए फाउंडेशन ऑफ इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म व छह संस्थापकों के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है। बताते हैं कि अगले एक-दो दिनों में सौ करोड़ रुपये का सिविल सूट भी दर्ज कराया जाएगा। गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के संयुक्त सचिव एवं युवा उद्यमी जय अमित शाह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसवी राजू ने अतिरिक्त मुख्य दंडाधिकारी एसके गढवी की कोर्ट में पत्रकार रोहिणी सिंह, द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वर्दराजन, सिद्धार्थ भाटिया, एमके वेणु और अन्य के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि खबर छवि को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से लिखी गई है। जय शाह ने उनके खिलाफ मानहानि के अलावा विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मामला चलाने का आग्रह किया है। अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी।
दरअसल, कोर्ट का मत था कि एक बार कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में यह तय हो जाए कि मामला बनता है तो प्रतिवादियों को समन भेजा जाएगा। उधर, इस मामले में राजनीतिक जंग भी तेज हो गई है। एक तरफ जहां कांग्रेस नेता दिल्ली और अहमदाबाद से लेकर कई राज्यों में इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने में जुटे हैं। वहीं, भाजपा नेताओं की ओर से यह याद दिलाने में कोई चूक नहीं हो रही है कि कांग्रेस का कार्यकाल घोटालों के लिए जाना जाता है। राहुल को सवाल उठाने से पहले जवाब देना चाहिए। भाजपा नेता व रेल मंत्री पीयूष गोयल ने फिर से दावा किया कि जय शाह के कारोबार में कोई अनियमितता नहीं है। यही कारण है कि पार्टी ने मुंह छिपाने की बजाय आक्रामकता से जवाब दिया है। उनका दामन साफ है कि वह किसी भी तरह के सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं। कोर्ट में जय शाह का केस एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता लड़ेंगे। विपक्ष ने इसे भी मुद्दा बनाने की कोशिश की। लेकिन, गोयल ने कानूनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि अनुमति के बाद सरकारी लॉ ऑफिसर भी निजी मामलों में पैरवी कर सकता है। उन्होंने कहा कि वायर पोर्टल ने जय को प्रश्नावली भेजी थी और इसीलिए उन्हें जानकारी थी। लेकिन, वायर ने जय के पूरे जवाब को नजरअंदाज कर दिया। हर सवाल के जवाब दिए गए थे जिससे स्पष्ट था कि कोई अनियमितता नहीं हुई है।
राजीव रंजन तिवारी (संपर्कः 8922002003)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।