नांदेड़। कांग्रेस ने नांदेड़-वाघला महानगर पालिका (एनडबल्यूसीएमसी) पर दोबारा कब्जा जमा लिया है। कांग्रेस ने चुनाव में विरोधियों का लगभग सूपड़ा साफ कर दिया है। नांदेड़-वाघला महानगर पालिका की 81 सीटों में से कांग्रेस को 70 सीटें, बीजेपी को पांच सीटें, शिवसेना को 3 सीट मिली हैं, जबकि 3 सीटें अन्य के खाते में गई हैं। कांग्रेस की सहयोगी राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) खाता खोलने में भी नाकाम रहीं। निकाय चुनाव के लिए बुधवार को मतदान हुआ था।
दोनों ही पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी ने इस चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ था। नांदेड़ महानगर पालिका में मतदान से पहले यहां बीजेपी के वरिष्ठ मंत्रियों सहित खुद सूबे के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जमकर प्रचार किया। इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी। प्रचार के लिए यहां कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी यहां आ चुके हैं। नांदेड पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण का गृह क्षेत्र है। वैसे 1995-96 को छोड़ दें तो नांदेड मनपा पर हमेशा ही कांग्रेस का कब्जा रहा है। 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद अशोक चव्हाण वहां से जीतने में कामयाब रहे थे। भारतीय जनता पार्टी ने अशोक चव्हाण को उन्ही के घर में हारने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत राज्य के तमाम बड़े बीजेपी नेताओं ने नांदेड में प्रचार किया था। फडणवीस ने कैबिनेट मंत्री संभाजी पाटील निलंगेकर और विधान परिषद सदस्य सुजीतसिंह ठाकुर को नांदेड़ की जिम्मेदारी दी थी। साल 2012 में हुए मतदान में कांग्रेस ने 81 सीटों में से 41 पर कब्जा किया था। जबकि 12 सीटें जीतकर शिवसेना दूसरे स्थान पर रही थी। AIMIM तीसरे नंबर रही, जिसने 11 सीटें जीतीं थी। वहीं बीजेपी महज दो सीट जीतने में कामयाब रही थी। नांदेड़-वाघला महानगर पालिका में कांग्रेस की जीत के बाद सोशल मीडिया में लोगों ने बीजेपी पर तंज कसा। साभार नवजीवन
राजीव रंजन तिवारी (संपर्कः 8922002003)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।