बाबरी मस्जिद-रामजन्म भूमि विवाद को कोर्ट बाहर अापसी बातचीत से सुलझाने की कोशिश की जा रही है। और इसकी पहल की है आर्ट ऑफ लिविंग के आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने। समाचार एजेंसी की खबरों के मुताबिक श्री श्री नेे 6 अक्टूबर को बेंगलुरु में निर्मोही अखाड़ा और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नुमाइंदों को बातचीत के लिए बुलाया था। उन्होंने इन दोनों पक्षों से काफी देर बातचीत की। बातचीत के बाद श्रीश्री ने कहा कि इस मामले पर दोनों पक्षों का कोर्ट से बाहर समझौता करने को लेकर अच्छा और पॉजिटिव नजरिया है। मीडिया में खबरें आने के बाद इस पहल और मध्यस्थता के सवाल पर आर्ट ऑफ लिविंग के आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर का कहना है कि अब हालात बदल गए हैं और लोग अमन और शांति चाहते हैं। उनका कहना है कि यह कोशिश 2003-04 में भी हुई थी, लेकिन अब माहौल ज्यादा पॉजिटिव है।
लेकिन, बाबरी एक्शन कमेटी ने इस विवाद में श्रीश्री के दखल देने की खबरों का खंडन किया है। बाबरी एक्शन कमेटी के मेंबर हाजी महबूब ने एक समाचार एजेंसी से कहा कि, "काफी पहले एक बार रविशंकर की ओर से बुलावा आया था। उन्होंने कहा था कि वे मुझसे मिलना चाहते हैं। मैंने इसका स्वागत किया था, लेकिन बाद में हमारी कोई बात नहीं हुई और न ही उनकी ओर से कोई मेसेज आया।"- हालांकि, हाजी मेहबूब ने यह जरूर कहा कि अगर रविशंकर इस विवाद को सुलझाने के लिए हमसे बात करना चाहते हैं तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। गौरतलब है कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि यह केस कोर्ट से बाहर सुलझाया जा सकता है। इस केस में अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होनी है। मार्च में इस मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जे एस खेहर, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एस के कौल की पीठ ने कहा था कि यह मुद्दा संवेदनशाली और भावनाओं से जुड़ा हुआ है। बेहतर यही होगा कि इसका आपसी रजामंदी से हल निकले। इस विवाद का बातचीत के जरिए ऐसा हल निकालें, जिस पर सारे याचिकाकर्ता और सारे पक्ष राजी हों। अगर बातचीत नाकाम हो जाती है तो हम दखल देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि सभी पक्ष इस मसले को सुलझाने की नई कोशिशों के लिए मध्यस्थ को चुन लें। अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी एक मुख्य मध्यस्थ चुन सकता है। इस बीच बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मुद्दे पर श्रीश्री की मध्यस्थता का कांग्रेस ने स्वागत किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता टॉम वडक्कन ने कहा, "कोर्ट ने कहा था कि यह केस कोर्ट के बाहर सुलझाया जा सकता है और अगर इसके लिए श्रीश्री रविशंकर ने कोशिश की है तो इसका स्वागत करना चाहिए।" साभार नवजीवन
राजीव रंजन तिवारी (संपर्कः 8922002003)
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