नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की मंगलवार को कटौती की। ईंधन की कीमतों में पिछले तीन महीने से वृद्धि को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। वित्त मंत्रालय ने ट्विटर के जरिये दी जानकारी में कहा, ‘भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल (ब्रांडेड और बिना ब्रांड वाले) पर मूल उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर कटौती की है। उत्पाद शुल्क में यह कटौती चार अक्तूबर से प्रभावी हो जाएगी।’ उत्पाद शुल्क में कटौती के बराबर पेट्रोल और डीजल की कीमतें बुधवार से घट जाएंगी। फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल 70.88 रुपये प्रति लीटर है वहीं डीजल की कीमत 59.14 रुपये प्रति लीटर है। पेट्रोल पर सरकार अभी कुल 21.48 रुपये प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क लगाती है जबकि डीजल के मामले में यह 17.33 रुपये प्रति लीटर है।
साथ ही मंत्रालय ने कहा है कि एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने से करीब 26 हजार करोड़ रुपए का रैवन्यू में घाटा होगा। जिसे सरकार सहन करेगी। लेकिन आम लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। एक अन्य ट्वीट में कहा गया है, ‘सरकार के इस कदम से पूरे वित्त वर्ष में करीब 26 हजार करोड़ रुपए का रैवन्यू में घाटा होगा, जबकि मौजूदा बचे वित्त वर्ष में इससे 13 हजार करोड़ रुपए का घाटा होगा। भारत सरकार ने यह फैसला आम लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया है।’ बता दें, मोदी सरकार का यह फैसला उस वक्त आया है जब देश के लगभग सभी राज्यों में पेट्रोल की कीमत 70 रुपए प्रति लीटर से ऊपर है। वहीं डीजल की कीमत करीब 60 रुपए प्रति लीटर है। सरकार वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में नरमी को देखते हुए इसका लाभ उठाने के लिये तीन साल पहले शुल्क में वृद्धि की थी। अब इस बात को लेकर आलोचना हो रही थी कि वह उत्पाद शुल्क में कटौती नहीं कर रही है जबकि जुलाई की शुरुआत से लगातार ईंधन के दाम बढ़ रहे हैं। चार जुलाई से पेट्रोल की कीमत 7.8 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है जबकि डीजल की कीमत 5.7 रुपये बढ़कर अबतक के सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुंच गयी। एक अन्य ट्वीट में मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के बढ़ते दाम से लोगों को राहत देने के इरादे से यह कदम उठाया गया है। शुल्क में कटौती से सरकार को चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में 13,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। साभार जनसत्ता
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