लखनऊ। लखनऊ में विधानसभा का घेराव करने जा रहे ग्राम रोजगार सेवकों को पुलिस ने रोका तो उन्होंने उग्र रूप धारण कर लिया और जमकर पथराव किया। पुलिस को इन्हें काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले और रबर की गालियां भी चलानी पड़ीं। इसके बाद भी ग्राम रोजगार सेवक नहीं माने और उन्होंने पुलिस के धक्का-मुक्की और गाड़ियों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस संघर्ष में जहां दो दर्जन गाड़ियों के शीशे टूट गए वहीं कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हो गए। बाद में पुलिस ने चार दर्जन से ज्यादा ग्राम रोजगार सेवकों को गिरफ्तार कर लिया। ग्राम पंचायतों में ग्राम रोजगार सेवक के रिक्त पदों पर समायोजन, राज्य कर्मचारियों की तर्ज पर वेतनमान देने और पंचायत सहायकों की भर्ती पर रोक लगाने की मांग को लेकर ग्राम रोजगार सेवक संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों ग्राम रोजगार सेवक 12 सितंबर से लक्ष्मण मेला मैदान में धरना दे रहे हैं। सोमवार की दोपहर ग्राम रोजगार सेवकों ने विधानसभा की ओर कूच किया तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया। लेकिन उन्हें रोकने के इस प्रयास पुलिस से रोजगार सेवकों नोकझोंक शुरू हो गई। इसी दौरान ओवरब्रिज के पास रेलिंग फांदकर सड़क पर आने की कोशिश कर रहे ग्राम रोजगार सेवकों को पुलिस ने सख्ती से रोका तो वो उग्र हो गए और पथराव शुरू कर दिया। उधर, धरना स्थल पर जमे रोजगार सेवकों ने भी पथराव शुरू कर दिया। सीमित संख्या के कारण पुलिस को पीछे हटना पड़ा। दो तरफ से हो रहे पथराव को काबू करने में पुलिस नाकाम साबित हुई। इस बीच पुलिस ने कई राउंड आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां दागीं लेकिन प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए। करीब तीन घंटे के संघर्ष के बाद एसपी पूर्वी सर्वेश मिश्रा भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और उपद्रवियों पर काबू किया।
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rojgar melava by kirit somaiya
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