नई दिल्ली। अभी हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल में राजीव प्रताप रूडी को मंत्री पद गंवाना पड़ा था जबकि उमा भारती के विभाग में कटौती कर उनका कद पहले से घटा दिया गया। माना जा रहा है कि अब भी प्रधानमंत्री कार्यालय भाजपा के इन दोनों नेताओं से खुश नहीं है। रेडिफ डॉट कॉम के मुताबिक सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि इन दोनों लोगों को महंगे पर्नीचर की वजह से पद और कद गंवाना पड़ा है। चर्चा है कि दोनों नेताओं राजीव प्रताप रूडी और उमा भारती ने अपने-अपने सरकारी बंगले को सजाने के लिए विदेश से महंगे वुडेन पैनल मंगवाए थे। इस मामले में उमा भारती पहले ही कह चुकी हैं कि उन्होंने जो वुडेन पैनल मंगवाया था उसकी कीमत मात्र आठ लाख रुपये थी लेकिन रूडी के घर लगा वुडेन पैनल ज्यादा कीमती थी। हालांकि, कई राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि दोनों मंत्रियों के खिलाफ पीएम मोदी द्वारा की गई कार्रवाई की यह असली वजह नहीं है।
बता दें कि मंत्रिमंडल से निकाले जाने के बाद जहां राजीव प्रताप रूडी ने खुलकर अपना विरोध जताया और कहा कि यह उनका फैसला नहीं है, वहीं उमा भारती ने तो बर्खास्तगी से पहले ही आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया था और सीधे-सीधे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साध लिया था। इतना ही नहीं मौका देखते ही उमा भारती संघ की शरण में जा पहुंची। संघ से मिले सपोर्ट के बाद उमा भारती का मंत्री पद तो बच गया लेकिन पीएम मोदी ने उनका कद घटा दिया। उनके जिम्मे से जल संसाधान और गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय का भार वापस ले लिया और उन्हें कम महत्व के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंप दी। चूंकि राजीव प्रताप रूडी के पास संघ का समर्थन हासिल नहीं था और ना ही वो संघ की पसंद हैं, इसलिए उन्हें सरकार से बाहर होना पड़ा। साभार जनसत्ता
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।