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सुब्रह्मण्यम स्वामी को साजिश की आशंका
बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद एक अखबार का स्क्रीन शॉट ट्विटर पर शेयर किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की इस खबर में लिखा गया है कि कन्नड साप्ताहिक लंकेश पत्रिका में छपने वाली सामग्री को लेकर पत्रकार गौरी लंकेश और उनके भाई इंद्रजीत के बीच विवाद था। टाइम्स ऑफ इंडिया में 15 फरवरी 2005 को छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक पुलिसकर्मियों पर नक्सली हमले को लेकर एक आर्टिकल को ले भाई बहन के बीच विवाद हो गया। गौरी लंकेश की अनुमति के बावजूद इंद्रजीत ने इस आर्टिकल को लंकेश पत्रिका से हटा लिया। बाद में इन्द्रजीत ने एक कम्प्यूटर, प्रिटंर, और स्कैनर गायब होने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई। इसके बाद गौरी शंकर ने उस शिकायत के बदले में पुलिस में एक शिकायत दर्ज करवाई और कहा कि उसके भाई ने उसे रिवाल्वर से धमकाया है। इन्द्रजीत ने कहा कि कथित आर्टिकल का झुकाव नक्सलियों की ओर था जिन्होंने सात पुलिसकर्मियों की हत्या की थी। इन्द्रजीत के मुताबिक गौरी का नक्सलियों के प्रति झुकाव लंकेश पत्रिका के वसूलों का उल्लंघन करता है। स्वामी ने लिखा है कि क्या ये पूरा मामला और भी संदेहास्पद होता जा रहा है? सुब्रह्मण्यम स्वामी के इस ट्वीट पर कई प्रतिक्रियाएं देखने को मिली है। ओम ओझा नाम के शख्स ने लिखा है, ‘अगर नक्सल विचारधारा की ओर उनका झुकाव भी था तो क्या उनकी हत्या कर देनी चाहिए, आपकी सरकार क्या कर रही थी।’ आनंद नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘सारी जिंदगी वो बीजेपी और मोदी के खिलाफ बोलती रही, कुछ नहीं हुआ, एक दिन उसने नक्सलियों से हिंसा छोड़ने की अपील के लिए लिखा और मारी गई।’ एक यूजर ने लिखा है कि ये 2005 का मामला है और इसमें काफी वक्त गुजर चुका है। वहीं गौरी लंकेश के भाई इन्द्रजीत लंकेश ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। इन्द्रजीत लंकेश ने कहा कि कुलबुर्गी हत्याकांड की जांच पुलिस कर रही थी इसका हश्र क्या हुआ हम सभी जानते हैं। इसलिए इस मामले की जांच सीबीआई से की जानी चाहिए।
बोले रवीश, मेरी हालत खराब थी, घरवाले कहते हैं बोलना छोड़िए
पत्रकार गौरी लंकेश हत्या मामले में वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार से इंडियन एक्सप्रेस ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया
में बातचीत की। इस दौरान रवीश ने कहा, ‘मैं जो बोलता हूं उसे बोलने से मुझे डर नहीं लगता। जो लोग आयकर विभाग और सीबीआई के दम पर सरकार चलाते हैं डर उन्हें भी लगता होगा। बहुत सारे मुद्दों पर उनकी भी हालत खराब हो जाती होगी। कल मेरी भी हालत खराब थी। इस डर से मेरे आसपास के लोग कहते हैं कि बोलना छोड़ दीजिए। ऐसा क्या है जिसे भारत की जनता बर्दाश्त नहीं कर सकती। सरकार ने अपनी सारी शक्तियों को आउट सोर्स कर दिया है। पहले जब कोई बड़ा नेता होता था तो उसपर कोई दाग नहीं होता था। गंदा काम तो बाहुबली लोग कर लेते थे। यही आजकल के बाहुबली हैं जिनमें एंकर हैं। ये दस बारह एंकर आज बाहुबली की भूमिका निभा रहे हैं। सोशल मीडिया में इनके इतने समर्थक है जो किसी के मरने पर भी ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।’ रवीश ने कहा कि जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फॉलो करते हैं वो पत्रकार की मौत पर ऐसी भाषा का इस्तेमाल करता है। पत्रकार को ऐसे लोगों के खिलाफ लिखते रहना पड़ेगा। लेकिन आज दस बारह एंकर्स ने लोगों की आवाज को दबा दिया। गौरतलब है कि बातचीत में रवीश ने मीडिया को गोदी मीडिया का नाम दिया जो कथित तौर पर किसी व्यक्ति विशेष के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज खबरों की चाल बदल गई है। सीधे कहने की बजाए हम दाएं-बाएं बोल रहे हैं।
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मोदी जिन्हें फॉलो करते हैं, उनमें से चार यूजर्स ने जताई खुशी
गौरी लंकेश की हत्या के बाद जहां कुछ लोग दुख मना रहे हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कि इस पर खुशी
जता रहे हैं। खुशी जताने वालों में चार टि्वटर अकाउंट ऐसे हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फॉलो करते हैं। आशीष मिश्रा नाम के यूजर ने टि्वटर पर लिखा है, ‘बुरहान वानी के बाद अब गौरी लंकेश भी मारी गईं, कितना दुखद है।’ वहीं दूसरे ट्वीट में मिश्रा ने लिखा है, ‘हमें चाहिए आजादी, जिहादियों से जय श्री राम, जय श्री राम।’ इसी तरह एक बैंगलोर टाइम्स के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए आशीष ने लिखा है’ जैसी करनी, वैसी भरनी’। आशीष ने अपनी प्रोफाइल में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ सेल्फी लगा रखी है। पीएम मोदी के अलावा आशीष को टि्वटर पर केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद और विजय गोयल भी फॉलो करते हैं। एक अन्य टि्वटर अकाउंट जिसे पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह फॉलो करते हैं ने लिखा है, ‘एक कुतिया कुत्ते की मौत क्या मरी सारे पिल्ले एक सुर में बिलबिला रहे है।’ वहीं इसी ट्वीट के जवाब में उसने लिखा है, ‘अब ये कौन कह रहा है किसी शिष्य ने गुरु दक्षिणा में गौरी को वही दे दिया जिसकी शिक्षा वामपंथी अपने शिष्यों को देते है?’ इसके अलावा खुद को ऑल इंडिया रेडियो की पूर्व प्रजेंटर बताने वाली रीता को भी पीएम मोदी टि्वटर पर फॉलो कर रहे हैं। रीता ने ट्वीट किया है, ‘जो गौरी लंकेश को नहीं जानते, उनके लिए एक छोटा सा परिचय- वामपंथी, नक्सल समर्थक, सरकार विरोधी और हिंदू विरोधी’। ओक्जोमिया जियोरी को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टि्वटर पर फॉलो करते हैं। जियोरी ने ट्वीट किया है, ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ कहने वालों के ग्रुप के लिए भगवान के पास एक अलग योजना है। देशद्रोहियों के हमेशा से आतंकियों के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। जांच होनी चाहिए।’ जियोरी ने यह ट्वीट एक तस्वीर के साथ किया है। इस तस्वीर में गौरी लंकेश के साथ जेएनयू छात्र कन्हैया कुमार और उमर खालिद नजर आ रहे हैं।
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बोले राहुल, भाजपा-संघ की विचारधारा के ख़िलाफ़ बोलना मना है
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि जो भी भाजपा और आरएसएस की विचारधारा के ख़िलाफ़ बोलेगा उसे मार दिया जाएगा. गौरी लंकेश की हत्या के मामले में उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैय्या से मुलाक़ात की और हत्या की जल्द जांच के लिए कहा. मुलाक़ात के बाद उन्होंने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से गुज़ारिश की है कि घटना को अंजाम देने वालों को सज़ा दी जाए. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "ये विचारधार की बात है. जो कोई भी भाजपा और आरएसएस की विचारधारा के ख़िलाफ़ जो भी आवाज़ उठाएगा उसे या तो दबाया जाएगा, पीटा जाएगा, उन पर हमले होंगे या तो उन्हें मार दिया जाएगा." उन्होंने कहा "उनका विचार है कि इस देश में सिर्फ़ एक ही आवाज़ होनी चाहिए, यहां किसी और विचारधारा की कोई जगह नहीं है. हमारे गणतंत्र का स्वरूप ये नहीं है." उन्होंने कहा, "कभी-कभी प्रधानमंत्री को लगता है कि उन पर दबाव बढ़ रहा है तो वो कुछ कह देते हैं, लेकिन पूरी मुहिम एक ख़ास विचारधारा के ख़िलाफ़ बोलनेवालों को शांत करने की है." इससे पहले मंगलवार को उन्होने ट्वीट कर कहा था, "सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता." कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, "गौरी लंकेश को किसी का डर नहीं था. गौरी से किसे डर था?" राहुल गांधी से मुलाक़ात के बाद सिद्धरमैय्या ने कहा कि हत्या की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया जाएगा जिसका नेतृत्व आईजी करेंगे. उन्होंने कहा, "इसके लिए मैंने डीजीपी और आईजीपी को ज़रूरी आदेश दे दिए हैं." उन्होंने कहा कि पानसरे और दाभोलकर मामले की जांच कर रहे जांच दल भी सीआईडी के साथ संपर्क में हैं. "कलबुर्गी हत्या के मामले में कुछ तथ्य सामने आए हैं लेकिन फिलहाल हम उस बारे में और जानकारी नहीं दे सकते." मुख्यमंत्री का कहना है कि गौरी लंकेश की हत्या में कितने लोग शामिल हैं इस बारे में अभी पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता. उनका कहना है, "गौरी लंकेश के परिजन चाहें तो सीबीआई जांच करवाने को ले मुझे कर कोई आपत्ति नहीं. लेकिन फिलहाल मामले की जांच विशेष जांच दल को करने दें." स्थानीय पत्रकार इमरान कुरैशी ने बताया कि गौरी लंकेश के परिजनों ने सीसीटीवी फ़ुटेज पुलिस को दे दिया है और उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री ने बुधवार को पुलिस अधिकारियों से बात की जिसके बाद उन्होने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने पुलिस से कहा है कि वो प्रगतिशाल विचारधारा वाले कार्यकर्ताओं को सुरक्षा दें. मुख्यमंत्री सिद्धरमैय्या ने मंगलवार को ट्वीट कर गौरी लंकेश की हत्या को गणतंत्र की हत्या कहा था. कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इस घटना की निंदा की और गौरी को भाजपा और आरएसएस के ख़िलाफ़ बोलने वाली आवाज़ बताया. पार्टी ने लिखा, "पहले पानसरे, दाभोलकर, कलबुर्गी और अब गौरी लंकेश. हमने और पत्रकारों ने एक चैंपियन खो दिया है." कम्युनिस्ट नेता सीताराम येचुरी ने लिखा, "जिन आवाज़ों को वो दबाना चाहते हैं वो और प्रचंड हो रही हैं." केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ट्वीट कर कहा कि हत्या करने वालों को जितनी जल्द हो सके पकड़ा जाना चाहिए. राष्ट्रीय जनता दल ने ट्वीट कर लिखा "ये नया इंडिया है जहां सवाल पूछने पर पाबंदी है". सूचना प्रसारण मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर गौरी लंकेश की हत्या की निंदा की है. उन्होंने लिखा, "मुझे उम्मीद है कि जल्द ही इस हत्या की जांच होगी और न्याय मिलेगा. मेरी संवेदनाएं परिवार के साथ हैं." भाजपा से सांसद वरुण गांधी ने लिखा, "टीचर्स डे पर एक जुझारू महिला की हत्या दुखद है."
गौरी की हत्या पर चुप क्यों हैं पीएम नरेंद्र मोदी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि भाजपा और पार्टी से जुड़ा कोई संगठन पत्रकार गौरी लंकेश
की हत्या में शामिल नहीं है। गडकरी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि यह बहुत गैर जिम्मेदाराना है कि अपराध के लिए दूसरे राजनीतिक दलों के ‘अध्यक्ष’ भाजपा को दोषी ठहरा रहे हैं। गडकरी ने हत्या पर प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर हो रही आलोचना पर उनका बचाव करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सभी मामलों पर प्रतिक्रिया नहीं कर सकते। गडकरी ने कहा, “हत्या की उचित जांच होनी चाहिए। दोषी को जेल में होना चाहिए। भारत सरकार, भाजपा और हमसे जुड़ा कोई संगठन इस हत्या में लिप्त नहीं है।” गडकरी ने कहा, “एक राजीनितक दल के अध्यक्ष ने इस घटना पर गैर जिम्मेदाराना प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वह आरोप आधारहीन है और झूठा है। यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।” गडकरी ने उन लोगों की भी आलोचना की, जो इस हत्या पर मोदी की चुप्पी को लेकर सवाल उठा रहे हैं। गडकरी ने कहा कि मोदी देश से बाहर हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने प्रतिक्रिया नहीं दी और इसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। प्रधानमंत्री हर चीज पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकते।” गडकरी ने कहा, “कर्नाटक की कानून-व्यवस्था राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, जो कांग्रेस के हाथों में है। इसके लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया जाना गलत है।” बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हत्या की निंदा करते हुए कहा था कि यह एक जीता जागता उदाहरण है कि समाज में असहिष्णुता और कट्टरता अपना बदसूरत सिर उठा रही है। जबकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर मोदी की चुप्पी को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि जो भी भाजपा के खिलाफ बोलेगा, उसे चुप करा दिया जाएगा। मंगलवार रात 55 साल की वरिष्ठ कन्नड़ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की अज्ञात बदमाशों ने उनके घर के सामने ही गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी।
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