लखनऊ। सारे कयासों और नामों को धता बताते हुए मीडिया एडवाइजर पद पर पत्रकार मृत्युंजय कुमार की नियुक्ति ने सबको चौंका दिया. शलभमणि त्रिपाठी से लेकर संजय सिंह समेत करीब दर्जन भर नाम चर्चा में थे लेकिन मीडिया एडवाइजर पद पर चयन हुआ बेहद विनम्र और प्रतिभाशाली पत्रकार मृत्युजंय कुमार का. मृत्युंजय कुमार अमर उजाला के कई एडिशन्स के संपादक रहे हैं. वे अमर उजाला जम्मू से लेकर गोरखपुर, मेरठ और हिमाचल के संपादकीय प्रभारी रह चुके हैं. मृत्युंजय कुमार इन दिनों ओपिनियन पोस्ट नामक मैग्जीन के संपादक थे जो नई दिल्ली कनाट प्लेस से निकलती है. इस मैग्जीन के प्रधान संपादक हैं वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह. मृत्युंजय कुमार अमर उजाला के सफल संपादकों में शुमार किए जाते रहे हैं. अमर उजाला गोरखपुर संस्करण को उन्होंने नई उंचाइयों तक पहुंचाया था. अमर उजाला के सेकेंड ब्रांड 'कांपैक्ट' की भी सफल लांचिंग इनके नेतृत्व में हुई थी. हिमाचल में मृत्युंजय के कार्यकाल में अमर उजाला की प्रतिष्ठा काफी बढ़ी थी. कहा जाता है कि वरिष्ठों के एक गुट के निशाने पर आने के बाद उन्होंने अमर उजाला छोड़ दिया था और प्रदीप सिंह के साथ ओपिनियन पोस्ट मैग्जीन से जुड़ गए थे. मृत्युंजय कल-परसों में लखनऊ जाकर अपने नए पद भार को ग्रहण कर लेंगे. सबसे खास बात ये कि आज ही सुबह भड़ास पर लखनऊ से आई भारत सिंह की एक रिपोर्ट छपी जिसमें कहा गया कि करीब दस-ग्यारह नाम सूचना सलाहकार पद के लिए चर्चा में है. इन सभी नामों में मृत्युंजय कुमार का नाम नहीं था. इसलिए मृत्युंजय की नियुक्ति पर सभी आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं. वहीं, सीएम योगी के करीबी लोगों का कहना है कि मृत्युंजय बेहद विनम्र, प्रतिभाशाली और लो प्रोफाइल शख्स हैं. इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि साहित्यिक है. मृत्युंजय किसी भी किस्म की गुटबाजी से दूर रहते हुए अपना काम ईमानदारी से करते हैं. इस लिहाज से मीडिया सलाहकार पद पर मृत्युंजय का चयन सर्वथा उपयुक्त है. साभार भड़ास
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