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यूपी में कर्जमाफी के नाम पर मजाक, किसान का एक पैसे का लोन माफ, मिला सर्टिफिकेट!

ये भी पढ़ेंः पीएम को जन्मदिन पर किसानों ने भेजा 68 पैसे का चेक, मध्य प्रदेश में भी किसानों के साथ हुआ मजाक
लखनऊ। सरकार इसके लिए कुल 36 हजार करोड़ खर्च करने वाली थी। अब तक 12 लाख किसानों को कर्ज माफी के सर्टिफिकेट मिले हैं। उत्तर प्रदेश में कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ हो रहा मजाक रुकने का नाम नहीं ले रहा। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, मथुरा के एक किसान का एक पैसे का कर्ज माफ किया गया है, जिसको उसके लिए सर्टिफिकेट भी दिया गया है। यूपी में योगी सरकार द्वारा चलाई गई ऋण मोचन योजना के तहत उसका कर्ज माफ होना था। जिस किसान के साथ ऐसा हुआ है उसका नाम चिद्दी है। चिद्दी ने कहा कि उसके पास कुछ बीघे जमीन है, जिसके लिए उसने छह साल पहले पंजाब नेशनल बैंक से 1.55 लाख रुपये का कर्ज लिया था। नई योजना के तहत एक लाख का कर्ज माफ होना था लेकिन हुआ एक पैसे का। इसी साल अप्रैल में योगी सरकार ने ऋण मोचन योजना की शुरुआत की थी। कहा गया था कि किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ होगा। सरकार ने दावा किया था कि इससे राज्य के 86 लाख छोटे और मध्य वर्ग के किसानों को फायदा होगा। सरकार इसके लिए कुल 36 हजार करोड़ खर्च करने वाली थी। अब तक 12 लाख किसानों को कर्ज माफी के सर्टिफिकेट मिले हैं। चिद्दी के घरवाले सर्टिफिकेट देखकर यकीन नहीं कर पा रहे। चिद्दी के बेटे ने कहा कि वह समझ नहीं पा रहा कि क्यों योगी सरकार ने उसके पिता के साथ भद्दा मजाक किया है? वह संबंधित सरकारी दफ्तरों के कई चक्कर भी लगा चुके हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ। मथुरा के प्रशासन का कहना है कि टेक्निकल दिक्कत की वजह से ऐसा हुआ है। लेकिन चिद्दी अकेले नहीं हैं जिनके साथ ऐसा हुआ है। यूपी के शंभू नाथ को 12 रुपये की कर्जमाफी का सर्टिफिकेट मिला है। उन्होंने मार्च 2016 से पहले 28,812 रुपये का लोन लिया था इसमें से उन्होंने 28,800 रुपये चुका दिए थे। इसलिए उनके सिर्फ 12 रुपये ही लोन के बचे थे, जिसे माफ किया गया। इनके अलावा शाहजहांपुर जिले के राम प्रसाद को 1.5 रुपये की कर्जमाफी का सर्टिफिकेट मिला है। इटावा में एक किसान को 3 रुपये की लोनमाफी का सर्टिफिकेट मिला है।  
पीएम को जन्मदिन पर किसानों ने भेजा 68 पैसे का चेक 
17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपना 67वां जन्मदिन मना रहे थे। देशवासियों ने पीएम मोदी को जन्मदिन की बधाई दी, लेकिन सबसे चौंकाने वाला तोहफा आंध्र प्रदेश के किसानों ने भेजा। इन किसानों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके जन्मदिन पर 68 पैसे का चेक भेजकर अपना रोष जताया। दरअसल ये किसान कर्जमाफी के नाम पर खुद के साथ हो रहे मजाक का विरोध करने के लिए ये तरीका निकाला और पीएम को उनके जन्मदिन पर 68 पैसे का चेक भेजा। रायलसीमा सागुनीती साधना समिति ने पीएम को कर्जमाफी के नाम पर मिलने वाले 10-20 रुपये के चेक का विरोध करने के लिए उन्हें 68 पैसे का चेक भेजा है। ऐसा भेजकर उन्हें उम्मीद है कि पीएम मोदी उनकी पीड़ा को समझ सकेंगे। इस विरोध के साथ ही उन्हें उम्मीद है कि पीएम मोदी उनके लिए सिंचाई की अच्छी व्यवस्था और सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष अनुदान की घोषणा करेंगे।  
मध्य प्रदेश में भी किसानों के साथ हुआ मजाक 
उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश में भी किसानों के साथ सरकार ने मजाक किया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों से सरकार ने प्रीमियम तो अच्छा खासा लिया, लेकिन नुकसान हुआ तो क्लेम के तौर पर उन्हें उनके प्रीमियम की 1-2 फीसदी रकम वापस लौटाई जा रही है। अब मामला मध्य प्रदेश के सिहोर जिले का सामना आया है, जहां पर सोयाबीन की फसल नष्ट होने पर 52 किसानों को कुल 3061.50 रुपए मुआवजे के तौर पर दिया गया है। ये सभी किसान जिले के तिलाडिया गांव के रहने वाले हैं। यह वहीं जिला है, जहां के बुधनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इन किसानों को इसका एक प्रमाण पत्र भी दिया गया है, जिस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर प्रकाशित है। इन किसानों में सबसे ज्यादा मुआवजा 194.24 रुपए नीला बाई को मिला है। यह मुआवजा 22 एकड़ में उगी सोयाबीन की फसल नष्ट होने पर दिया गया है। रिपोर्ट में नीला बाई के हवाले से लिखा गया है, ‘हमने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 5220 रुपए प्रीमियम भरा था और हमें मुआवजे के तौर पर मात्र 194 रुपए मिले हैं। भगवान जाने इन लोगों ने यह आंकलन कैसे किया है।’ वहीं उत्तम सिंह की दो एकड़ में खड़ी फसल नष्ट हुई है, जिसके बदले उन्हें क्लेम में 17 रुपए मिले हैं। इन्होंने बीमा प्रीमियम के तौर पर 1342 रुपए जमा कराए थे। सिहोर की रेहती तहसील में बादामी देवी को मुआवजे के तौर पर मात्र 4.70 रुपए ही मिले हैं। बता दें, फरवरी 2016 में सिहोर जिले से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लॉन्च की थी। जिन किसानों को यह मुआवजा मिला है, उनमें से कई किसानों ऐसे हैं, जिन्होंने इस इवेंट में हिस्सा लिया था। बता दें, किसान के साथ मजाक का एक मामला उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिला था। मथुरा के एक किसान का एक पैसे का कर्ज माफ किया गया है, जिसको उसके लिए सर्टिफिकेट भी दिया गया है। यूपी में योगी सरकार द्वारा चलाई गई ऋण मोचन योजना के तहत उसका कर्ज माफ होना था। किसान का कहना है कि छह साल पहले पंजाब नेशनल बैंक से 1.55 लाख रुपये का कर्ज लिया था। नई योजना के तहत एक लाख का कर्ज माफ होना था लेकिन हुआ एक पैसे का। साभार जनसत्ता
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