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अहमद पटेल राज्यसभा सांसद बनाने वाले जदयू विधायक को कार्यकारी अध्यक्ष की कमान

नई दिल्ली। भाजपा के साथ मिलकर छठी बार सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार से उनके ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष शरद यादव नाराज बताए जा रहे हैं। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के शरद यादव खेमे ने गुजरात से विधायक छोटू भाई वसावा को 17 सितंबर को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। जदयू नेता अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जदयू की कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया गया। हाल ही में गुजरात से राज्य सभा की तीन सीटों पर हुये चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को वसावा के वोट से ही जीत मिल सकी थी। बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी अध्यक्ष पद नियुक्ति को रद्द कर वसावा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। पार्टी के उपाध्यक्ष के. राजशेखरन की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खेमे द्वारा महागठबंधन तोड़ कर भाजपा के साथ गठजोड़ करने सहित अन्य फैसलों को भी रद्द कर दिया गया। श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में पार्टी नेता जावेद रजा द्वारा पेश संगठन संबंधी प्रस्ताव में नीतीश कुमार द्वारा पार्टी के चुनाव अधिकारी बनाये गये अनिल हेगड़े की नियुक्ति को रद्द करने के सुझाव को मंजूरी दी गयी। इसके साथ ही हेगड़े द्वारा की गयी पदाधिकारियों की नियुक्ति स्वत: रद्द हो गयी। उन्होंने बताया कि बैठक में देश भर से जुटे जदयू नेताओं ने नीतीश खेमे द्वारा भाजपा से गठजोड़ करने को जनादेश का अपमान बताते हुये इस फैसले को रद्द किया है। इसके अलावा हाल ही में नीतीश खेमे द्वारा जदयू पदाधिकारियों को पार्टी से निकालने के फैसले को भी निष्प्रभावी घोषित कर हटाये गये प्रदेश अध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों को उनके पद पर बहाल कर दिया। श्रीवास्तव ने बैठक में पार्टी की दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित 19 राज्य इकाईयों के अध्यक्षों और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के हिस्सा लेने का दावा करते हुये शरद गुट को ही वास्तविक जदयू बताया। शरद यादव की भविष्य की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी ने उन्हें समाजवादी विचारधारा वाले दलों को साझी विरासत अभियान के माध्यम से एक मंच पर लाकर भविष्य में महागठबंधन को प्रभावी स्वरूप में गठित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यकारिणी ने नीतीश खेमे के पार्टी विरोधी फैसलों की समीक्षा के लिये अनुशासन समिति का गठन किया है। तीन सदस्यीय इस समिति की अध्यक्षता वह स्वयं करेंगे। जबकि पार्टी के चुनाव चिन्ह सहित अन्य मामलों से जुड़े विवादों पर भविष्य की रणनीति तय करने के लिये जदयू महासचिव जावेद रजा की अध्यक्षता में चुनाव विवाद समिति गठित की गयी है। उन्होंने बताया कि कार्यकारिणी के फैसलों पर मंजूरी के लिये आगामी आठ अक्टूबर को दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई गई है। नीतीश सहित अन्य नेताओं के फैसलों को अनुशासनहीनता के दायरे में लाने के बारे में समिति की सिफारिशों पर अमल का फैसला राष्ट्रीय परिषद की बैठक में किया जायेगा। श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यकारिणी में पारित एक अन्य प्रस्ताव में संगठन की चुनाव प्रक्रिया अगले छह महीने में पूरा करने का फैसला किया गया। इसके लिये कार्यकारी अध्यक्ष वसावा से अगले साल मार्च तक संगठनात्मक चुनाव संपन्न कराने को कहा गया है। बैठक में यादव के अलावा, पूर्व मंत्री रमई राम, राज्य सभा सदस्य अली अनवर, पूर्व सांसद अर्जुन राय, पूर्व विधान पार्षद विजय वर्मा, पूर्व विधायक परवीन अमानुल्ला, सरोज बच्चन और उदय मांझी भी मौजूद थे। साभार जनसत्ता
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