कोलकाता/नई दिल्ली। केंद्र सरकार के साथ एक ताजा टकराव में पश्चिम बंगाल सरकार ने सभी स्कूलों और अन्य शिक्षण संस्थानों को ‘आवश्यक’ निर्देश में कहा है कि वे केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रारूप में स्वतंत्रता दिवस की ‘तैयारियों को रोक दें।’ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संबंधित सर्कुलर पर ममता बनर्जी सरकार की यह प्रतिक्रिया एक निर्देश की शक्ल में आई है जिसे राज्य के सर्व शिक्षा अभियान के सभी जिलों के परियोजना प्रभारियों को भेजा गया है। देश के 70वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में ‘स्कूल व कालेज द्वारा कुछ अतिरिक्त गतिविधियों’ के केंद्रीय मंत्रालय के सर्कुलर को एक तरह से काटते हुए राज्य सरकार ने 11 अगस्त के अपने निर्देश में कहा है, “स्कूली शिक्षा विभाग ने यह तय किया है कि स्वतंत्रता दिवस 2017 को इस तरह नहीं मनाया जाएगा।” निर्देश में कहा गया है कि स्कूल-कालेज जैसे हर साल स्वतंत्रता दिवस मनाते रहे हैं, वैसे ही इस साल भी मनाएं।
बता दें कि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी कर सभी स्कूलों को 9 अगस्त से 30 अगस्त से तक आस पास मौजूद शहीद स्मारकों के पास संकल्प प्रोग्राम मनाने को कहा था। इस कार्यक्रम के तहत बच्चों को आजादी के शहीदों या फिर युद्ध या आतंकी हमलों में शहीद हुए शहीदों के बारे में जानकारी दी जानी थी। इसके अलावा स्कूलों में शपथ ग्रहण समारोह भी आयोजित करने को कहा गया था। इस शपथ में शिक्षक और विद्यार्थियों को साल 2022 तक देश से पांच समस्याओं को समाप्त करने के लिए शपथ लेने को कहा गया था इसमें गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, साम्प्रदायिकता और जातिवाद शामिल है। लेकिन राज्य के शिक्षा मंत्री पार्था चटर्जी ने कहा कि राज्य के लोगों को देशभक्ति पर भाजपा से सबक सीखने की जरूरत नहीं है। केंद्र में सत्तारूढ़ दल को दूसरों को यह बताने का कोई हक नहीं है कि वे स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाएं। चटर्जी ने कहा, “ऐसा नहीं है कि हम केंद्र के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। लेकिन हमने कहा है कि यह जश्न हम अपनी तरह से मनाएंगे। हम भाजपा से देशभक्ति का पाठ नहीं पढ़ेंगे। केंद्र में सत्तारूढ़ दल को दूसरों को देशभक्ति पर निर्देश देने का कोई हक नहीं है।”उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के सभी दो लाख स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस समारोहों की वीडियोग्राफी कराने का केंद्रीय मंत्रालय का प्रस्ताव व्यावहारिक नहीं है और इस पर अमल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि तृणमूल सरकार ने कोई सर्कुलर नहीं जारी किया है। हमने यह कहा है कि हमें स्वतंत्रता दिवस मनाने के तरीके पर केंद्रीय मंत्रालय के सर्कुलर की जरूरत नहीं है। जैसे पिछले 69 साल से हम आजादी के दिन का जश्न मनाते आ रहे हैं, वैसे ही इस बार भी मनाएंगे। साभार जनसत्ता
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