नई दिल्ली। बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसके बारे में कहा गया कि ये कर्नाटक के कैबिनेट मिनिस्टर के यहां हुई आयकर विभाग की रेड के दौरान फिल्माया गया था। लेकिन अब सामने आए तथ्यों के आधार पर वीडियो को फर्जी बताया गया है। खबर के अनुसार वीडियो साल 2016 का है जिसे दिल्ली में टीएंडटी लॉ फर्म में आयकर विभाग की रेड के दौरान फिल्माया गया था। इसका खुलासा आल्ट न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में रोहित टंडन के हवाले से किया है। गौरतलब है कि आयकर विभाग ने बीते बुधवार (2 अगस्त, 2017) कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डीके शिवकुमार ने दिल्ली और कर्नाटक सहित 64 जगहों पर छापेमारी की। ये छापेमारी टैक्स चोरी और गैरकानूनी रूप से रियल स्टेट में निवेश को लेकर की गई। शिवकुमार के आवास पर छापेमारी ऐसे समय में की गई जब गुजरात कांग्रेस के सभी विधायक शिव कुमार रिजॉर्ट में छिपे हुए थे।
दूसरी तरफ शिव कुमार से जुड़े जिस वीडियो को शेयर किया जा रहा है उसमें दावा किया जा रहा है कि ये कांग्रेस के मंत्री के आवास हुई रेड का है। वीडियो ‘डीके शिवकुमार के सिर्फ एक रूम के लॉकर से निकले रुपए…अब कांग्रेस क्यों अपना चेहरा छिपा रही है।’ के शीर्षक से शेयर किया गया। इसे अबतक 377 से ज्यादा बार रिट्वीट किया जा चुका है। फर्जी वीडियो को इसके साथ ही फेसबुक पर भी शेयर किया गया है। जिसे बीएसवाई के समर्थक प्रवीण पावी ने शेयर किया है। दूसरी तरफ 40 सेकंड के इस वीडियो पर दुर्गा मेनन ने बताया कि वीडियो उन्हें व्हाट्सएप पर मिला। ग्रेटर कैलाश की टीएंडटी लॉ फर्म में छापेमारी के दौरान फिल्माया गया था। ये बात कही है साल 2016 में इस खबर को कवर करने वाले पत्रकार ने। मेनन ने आगे बताया कि इस रेड में करीब आठ करोड़ रुपए सीज किए गए थे। साभार जनसत्ता
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।