नई दिल्ली। जाने-माने वैज्ञानिक प्रोफेसर यशपाल का सोमवार (24 जुलाई) की रात को उत्तर प्रदेश के नोएडा में निधन हो गया। वह 90 साल के थे। उनका निधन किस वजह से हुआ यह फिलहाल साफ नहीं है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनको कैंसर था लेकिन वह ठीक हो गया था। मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार होना है। यशपाल को 1976 में पद्म भूषण से भी नवाजा जा चुका है। उन्हें 2013 में पद्म विभूषण भी मिला। अपने करियर में उन्होंने साइंस, एस्ट्रोफिजिक्स और विकास के क्षेत्र में काम किया।
उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘प्रोफेसर यश पाल के निधन से दुखी हूं। हमने एक वैज्ञानिक एवं शिक्षाविद खो दिया जिन्होंने भारतीय शिक्षा में अपना बहमूल्य योगदान दिया है।’’ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष यशपाल ने अपना करियर टाटा इंस्टीट्यूट आफ फंडामेंटल रिसर्च से शुरू किया था और उन्हें उनके योगदान के लिए देश के दूसरे सर्वोच्च सम्मान पद्म् विभूषण से सम्मानित किया गया था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनके निधन पर शोक जाहिर करते हुए कहा कि कॉस्मिक किरणों केअध्ययन , शिक्षा संस्था निर्माण और उल्लेखनीय प्रशासक के तौर पर उनके विशिष्ट योगदान के लिए उन्हें याद किया जाएगा। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने शिक्षाविद के निधन को एक बड़ी क्षति बताया। राहुल ने ट्वीट किया, ‘‘एक वैज्ञानिक एवं उत्साही शिक्षक, जो सीखने और सिखाने का महत्व समझते थे, प्रोफेसर यश पाल का निधन हमारे लिए एक बड़ी क्षति है।’’ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट किया, ‘‘पूर्ण विज्ञान के लिए प्रोफेसर यश पाल आपका शुक्रिया। आपको जाता देखना काफी दुखद है, यह बेहद बड़ी क्षति है लेकिन आप हमेशा हमारे साथ रहेंगे। ओम शांति।’’ उनके परिवार ने बताया कि लोधी रोड विद्युत शवदाह गृह में दोपहर तीन बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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