नई दिल्ली। चीन के राजदूत लिओ झाओहुई से मुलाकात पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सफाई दी है। राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार पर करारा हमला बोला है। राहुल ने कहा है कि, ‘संवेदनशील मुद्दों पर जानकारी रखना मेरा काम है, मैने चीनी राजदूत, पूर्व एनएसए शिव शंकर मेनन, उत्तर पूर्वी राज्यों से कांग्रेस के नेता और भूटान के राजदूत से मुलाकात की है।’ इसके बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष ने केन्द्र सरकार पर हमला बोला है। राहुल ने अगला ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ‘यदि केन्द्र सरकार एक राजदूत से मेरी मुलाकात को इतना बड़ा मुद्दा बना रही है तो उन्हें देश को ये बताना चाहिए कि जब सीमा विवाद का मुद्दा अपने चरम पर है तो केन्द्र के 3 मंत्री इस वक्त क्यों चीनी मेहमाननवाजी का लुत्फ उठा रहे हैं।’ इसके बाद राहुल गांधी ने एक अखबार की रिपोर्ट को लगाकर एक और ट्वीट किया है। इस ट्वीट में वो तस्वीर लगी है जिसमें पीएम नरेन्द्र मोदी चीनी के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ झूले पर बैठे हैं, ये तस्वीर तब की है जब चीन के राष्ट्रपति भारत दौरे पर आए थे और अहमदाबाद में मौजूद थे। इस दौरान पीएम के साथ वे एक झूले पर बैठे थे। राहुल गांधी ने इस तस्वीर को लगा लिखा है कि, ‘मैं रिकॉर्ड के लिए बता दूं कि झूले पर बैठा ये मैं नहीं हूं, वो भी उस वक्त जब लगभग एक हजार चीनी सैनिक भारत की सीमा में घुसपैठ कर आए थे।’ दरअसल सितंबर 2014 में जब चीनी राष्ट्रपति भारत के दौरे पर थे उसी वक्त चीन के कुछ सैनिक लद्दाख के चुमुर सेक्टर में भारतीय सीमा में घुस आए थे।
बता दें कि सोमवार को ही कांग्रेस नेता रणदीप सुरेजवाला ने इसी मुद्दे पर सफाई दी थी और कहा कि था राहुल गांधी ने चीन के राजदूत समेत भूटान के राजदूत और पूर्व एनएसए शिवशंकर मेनन से मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि शिष्टाचारवश कई देश के नेता और राजदूत कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष से मुलाकात करते हैं, और इसे मुद्दा बनाने की जरूरत नहीं है। लेकिन लोगों के लिए आश्चर्य का विषय ये है कि इसी कांग्रेस ने 10 जुलाई यानी कि सोमवार की सुबह इस मीटिंग को फर्जी खबर करार दिया था। लेकिन दोपहर होते-होते कांग्रेस को अपना रूख बदलना पड़ा। ये मामला मीडिया के सामने तब आया जब नयी दिल्ली स्थित चीन के दूतावास ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी कर कहा कि चीनी राजदूत ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मुलाकात की थी। हालांकि कुछ ही देर बाद चीनी दूतावास ने अपनी वेबसाइट से इस बयान को हटा लिया था। साभार जनसत्ता
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