पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव प्रकरण में सुशासन, बेदाग छवि और लोकतंत्र में लोक-लाज की बात कहकर गठबंधन तोड़ते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन उनके मौजूदा मंत्रिमंडल के कई ऐसे मंत्री हैं जिनपर हत्या समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी एक मर्डर केस में नाम है। लालू परिवार पर लगातार आरोपों की बौछार करने वाले उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी दागी हैं। ये सभी दावे इन्हीं नेताओं ने अपने-अपने चुनावी हलफनामे में किया है।
नीतीश कुमार: मुख्यमंत्री पर साल 1991 के एक मर्डर केस में उन पर हत्या (आईपीसी की धारा 302), हत्या की कोशिश (आईपीसी की धारा- 307), दंगा भड़काने, बलवा करने (आईपीसी की धारा-147, 148. 149) और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज है। बाढ़ की अदालत ने इन मामलों पर संज्ञान लिया है। नीतीश कुमार ने अपने चुनावी हलफनामे में इसका जिक्र खुद किया है।
सुशील कुमार मोदी: 2012 के एमएलसी चुनावों के दौरान सौंपे हलफनामे में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने उल्लेख किया है कि उन पर भागलपुर के नौगछिया कोर्ट में आईपीसी की 500, 501, 502 (मानहानि), 504 (शांति भंग) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज हैं। राजद नेता आर के राणा द्वारा दर्ज 1999 के इस मामले को खत्म कराने के लिए पटना हाई कोर्ट में दायर की गई अपील पर सुशील कुमार मोदी को स्टे ऑर्डर मिला हुआ है।
प्रेम कुमार: नीतीश मंत्रिमंडल में भाजपा कोटे से नए कृषि मंत्री बनाए गए प्रेम कुमार पर दंगा भड़काने (आईपीसी की धारा-147), जान बूझकर किसी को नुकसान पहुंचाने (आईपीसी की धारा-323), दूसरों की जान को जोखिम में डालने (आईपीसी की धारा-337) और सरकारी कर्मचारी को सरकारी काम में बाधा डालने (आईपीसी की धारा-353) जैसे आरोप हैं। कोर्ट ने इन मामलों में संज्ञान ले लिया है।
प्रमोद कुमार: बीजेपी कोटे से पर्यटन मंत्री बने प्रमोद कुमार पर चोरी के दो मामले (आईपीसी की धारा-379), धर्म, जाति, लिंगभेद के आधार पर सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने (आईपीसी की धारा- 153ए), घर में घुसकर चोरी करने समेत आईपीसी की धारा- 380,332, 131, 171एच, 171एफ, 188, 147, 327, 461 के तहत मामले दर्ज हैं। इनमें से कई पर कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है, कई पर आरोप तय हो चुके हैं।
जय कुमार सिंह: नीतीश सरकार के उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह का नाम भी दागियों की सूची में है। रोहतास के दिनारा से जदयू विधायक सिंह पर हत्या की कोशिश (आईपीसी की धारा 307) के दो मामले दर्ज हैं। इसके अलावा उन पर चोरी समेत आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 313, 120बी, 504, 216, 386 (रंगदारी), 341 के तहत भी मामले दर्ज हैं। जय कुमार सिंह ने अपने चुनावी हलफनामे में इनका खुलासा खुद किया है। खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद: नीतीश कैबिनेट में अकेले मुस्लिम मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद पर धोखाधड़ी और बेईमानी कर संपत्ति हड़पने (आईपीसी की धारा- 420), आपराधिक धमकी देने के तीन मामले (आईपीसी की धारा- 506), चोरी (379), जालसाजी (467) के आरोप समेत करीब डेढ़ दर्जन मामले हैं। इसका खुलासा खुर्शीद ने खुद अपने चुनावी हलफनामे में किया है। बेतिया की अदालत में कई मुकदमों में आरोप तय हो चुका है जबकि कई पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है। इन मंत्रियों के अलावा राम नारायण मंडल, कृष्ण कुमार ऋषि, शैलेश कुमार, संतोष कुमार निराला, रमेश ऋषिदेव और अन्य पर भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। साभार जनसत्ता
नीतीश कुमार: मुख्यमंत्री पर साल 1991 के एक मर्डर केस में उन पर हत्या (आईपीसी की धारा 302), हत्या की कोशिश (आईपीसी की धारा- 307), दंगा भड़काने, बलवा करने (आईपीसी की धारा-147, 148. 149) और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज है। बाढ़ की अदालत ने इन मामलों पर संज्ञान लिया है। नीतीश कुमार ने अपने चुनावी हलफनामे में इसका जिक्र खुद किया है।
सुशील कुमार मोदी: 2012 के एमएलसी चुनावों के दौरान सौंपे हलफनामे में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने उल्लेख किया है कि उन पर भागलपुर के नौगछिया कोर्ट में आईपीसी की 500, 501, 502 (मानहानि), 504 (शांति भंग) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज हैं। राजद नेता आर के राणा द्वारा दर्ज 1999 के इस मामले को खत्म कराने के लिए पटना हाई कोर्ट में दायर की गई अपील पर सुशील कुमार मोदी को स्टे ऑर्डर मिला हुआ है।
प्रेम कुमार: नीतीश मंत्रिमंडल में भाजपा कोटे से नए कृषि मंत्री बनाए गए प्रेम कुमार पर दंगा भड़काने (आईपीसी की धारा-147), जान बूझकर किसी को नुकसान पहुंचाने (आईपीसी की धारा-323), दूसरों की जान को जोखिम में डालने (आईपीसी की धारा-337) और सरकारी कर्मचारी को सरकारी काम में बाधा डालने (आईपीसी की धारा-353) जैसे आरोप हैं। कोर्ट ने इन मामलों में संज्ञान ले लिया है।
प्रमोद कुमार: बीजेपी कोटे से पर्यटन मंत्री बने प्रमोद कुमार पर चोरी के दो मामले (आईपीसी की धारा-379), धर्म, जाति, लिंगभेद के आधार पर सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने (आईपीसी की धारा- 153ए), घर में घुसकर चोरी करने समेत आईपीसी की धारा- 380,332, 131, 171एच, 171एफ, 188, 147, 327, 461 के तहत मामले दर्ज हैं। इनमें से कई पर कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है, कई पर आरोप तय हो चुके हैं।
जय कुमार सिंह: नीतीश सरकार के उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह का नाम भी दागियों की सूची में है। रोहतास के दिनारा से जदयू विधायक सिंह पर हत्या की कोशिश (आईपीसी की धारा 307) के दो मामले दर्ज हैं। इसके अलावा उन पर चोरी समेत आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 313, 120बी, 504, 216, 386 (रंगदारी), 341 के तहत भी मामले दर्ज हैं। जय कुमार सिंह ने अपने चुनावी हलफनामे में इनका खुलासा खुद किया है। खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद: नीतीश कैबिनेट में अकेले मुस्लिम मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद पर धोखाधड़ी और बेईमानी कर संपत्ति हड़पने (आईपीसी की धारा- 420), आपराधिक धमकी देने के तीन मामले (आईपीसी की धारा- 506), चोरी (379), जालसाजी (467) के आरोप समेत करीब डेढ़ दर्जन मामले हैं। इसका खुलासा खुर्शीद ने खुद अपने चुनावी हलफनामे में किया है। बेतिया की अदालत में कई मुकदमों में आरोप तय हो चुका है जबकि कई पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है। इन मंत्रियों के अलावा राम नारायण मंडल, कृष्ण कुमार ऋषि, शैलेश कुमार, संतोष कुमार निराला, रमेश ऋषिदेव और अन्य पर भी आपराधिक मामले दर्ज हैं। साभार जनसत्ता
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।