पटना। बिहार के डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव समेत लालू परिवार के सदस्यों पर भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय एजेंसियों के बढ़ते शिकंजे के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को जेडीयू की अहम बैठक की। बैठक में तेजस्वी के मुद्दे पर नीतीश ने सख्त रुख का संकेत दिया। जेडीयू ने आरजेडी को तेजस्वी यादव के इस्तीफे पर अगले 4 दिनों में फैसला लेने को कहा है। अगर इस दौरान आरजेडी कोई फैसला नहीं लेती है तो जेडीयू फिर इस पर चर्चा के बाद खुद ही कोई फैसला लेगी। जेडीयू बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता रमई राम ने कहा कि तेजस्वी के मसले पर आरजेडी को फैसला लेने के लिए 4 दिन का वक्त दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक जेडीयू की बैठक में नीतीश ने भ्रष्टाचार पर सख्त रुख का संदेश दिया। नीतीश ने कहा कि उन्होंने अपने 40 साल के राजनीतिक करियर में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। सूत्रों के मुताबिक जेडीयू चाहती है कि तेजस्वी के भविष्य पर आरजेडी ही फैसला करे। जेडीयू ने कहा है कि आरोपों पर तेजस्वी यादव को जनता के सामने जवाब देना चाहिए।
काबिले गौर है कि आरजेडी की बैठक में उनके विधायकों ने एकसुर में तेजस्वी यादव के समर्थन की बात कही थी। बैठक में फैसला हुआ कि तेजस्वी डेप्युटी सीएम पद से इस्तीफा नहीं देंगे। ऐसे में इस मसले पर महागठबंधन के 2 अहम सहयोगियों के बीच बड़े टकराव की स्थिति हो सकती है। वैसे बैठक के बाद नीतीश की तरफ से कोई बयान नहीं आया। बैठक के बाद जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि बैठक में संगठन के विस्तार की रणनीति पर चर्चा हुई। तेजस्वी के मसले पर उन्होंने कहा, 'हमें पता है कि गठबंधन धर्म का निर्वाह कैसे किया जाता है, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि जिन पर आरोप हैं उन्हें जनता के सामने सारे तथ्य रखने चाहिए।' बता दें कि लालू परिवार पर ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के छापों के बाद बिहार में महागठबंधन में दरार की अटकलें लग रही हैं। बीजेपी नीतीश कुमार से तेजस्वी यादव को बर्खास्त करने की मांग कर रही है। बीजेपी यह भी संकेत दे रही है कि जरूरत पड़ने पर वह नीतीश सरकार को बाहर से समर्थन दे सकती है। साभार एनबीटी
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